Ranchi : अनुज कुमार के निर्देशन पर बनी फिल्म चेरो और बथुडी का पोस्टर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो गया. इन दोनों फिल्मों की शूटिंग झारखंड में हुई है. इसके पात्र चेरो और बथुडी समाज से जुड़े लोग है. क्रू मेंबर भी झारखंड के ही हैं. नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड पा चुके अनुज कुमार बताते हैं कि यह एक ऐसी कहानी है जो अभी तक सामने नहीं आयी है. इन जनजातियों का निवास जंगल तक ही सीमित है. हमारी कोशिश लोगों तक उनकी कहानियां, जीवन शैली, गीत संगीत और कला संस्कृति को पहुंचाना है. (पढ़ें, विंग कमांडर दीपिका मिश्रा वायु सेना वीरता पदक पाने वाली पहली महिला अफसर बनीं)
चेरो झारखंड और बथुडी झारखंड-ओडिशा की सीमा में पाये जाते
चेरो समाज झारखंड के पलामू क्षेत्र से हैं. यह झारखंड की आदिम जनजाति में से एक है. यह फिल्म बताती है कि चेरो एक योद्धा समुदाय होने के बाद भी अपने वर्चस्व को बचा कर नहीं रख पाये. अब वे आदिम जनजाति की श्रेणी में आ चुके हैं. इस फिल्म में चेरो जनजाति के ऐतिहासिक महत्व को दिखाया गया है. पहले राजवंश कैसा था, अभी कैसा है. वहीं बथुडी भी एक आदिम जनजाति है, जो झारखंड और ओडिशा की सीमा में पाये जाते हैं. बथुडियों का अपना छग्गु नृत्य है. बथुडी एक कृषक समुदाय है और वे खुद को बलराम और सुभद्रा के वंशज बताते हैं.
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