Ranchi: कोरोना को लेकर रांची के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा मुंडा उद्यान में जानवरों पर खास नजर रखी जा रही है. साथ ही उनके खान-पान और निवास में पूरी तरह स्वच्छता और एहतियात बरती जा रही है. जब से हैदराबाद के नेहरू चिड़ियाघर में 8 शेर कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं तब से यहां भी जू प्रबंधन ने सतर्कता बढ़ा दी है.
उद्यान के निर्देशक वाई के दास ने बताया कि जैविक उद्यान 17 अप्रैल से बंद है. किसी भी सैलानी को उद्यान के अंदर व पशुओं के पास जाने की इजाजत नहीं है. उद्यान के मेन गेट पर ही कर्मियों का थर्मल स्कैनर से टेस्ट किया जाता है जिसके उपरांत ही कर्मियों को प्रवेश की अनुमति दी जाती है.
पशुओं की रखरखाव व साफ-सफाई को लेकर सिर्फ उद्यान कर्मी, पशु चिकित्सक व अधिकारी के अलावा किसी अन्य को पशुओं के सामने जाने की अनुमति नहीं है. उद्यान कर्मी एन 95 मास्क, गल्बस, सैनिटाइजर वगैरह का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके बावजूद सुरक्षा की दृष्टि से उद्यान के पशुओं के साथ उद्यान व कर्मियों के मॉनिटरिंग और सफाई बढ़ा दी गई है.
अब उद्यान में प्रवेश से पूर्व सभी कर्मियों को स्टीम लेकर प्रवेश करने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. वहीं उद्यान में तीन कर्मियों को उद्यान में सैनिटाइजेशन करने के लिए लगाया गया है. पहले उद्यान को सप्ताह में 2 या 3 दिन सैनिटाइज किया जाता था लेकिन अब हर जिन सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है. वहीं वन कर्मी फेस शील्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. किसी भी वन्य पशु के व्यवहार में परिवर्तन पर विशेष नजर रखी जा रही है.
उद्यान के जानवरों के खानपान में बरती जा रही सावधानी
उद्यान के पशुओं को दिए जाने वाले खानपान में भी सतर्कता बरती जा रही है. जानवरों को भोजन देने वाले कर्मियों को फेस मास्क, गल्बस, सैनिटाइजर इस्तेमाल करना अनिवार्य है. इसके अलावा मांसाहारी पशुओं को उबल कर खाने की चीजें दी जा रही हैं. वहीं अन्य पशु पक्षियों के भोजन को पोटाश जल से धो कर दिए जा रहे हैं इस तरह पूरी सावधानी खाने पीने में बढ़ती जा रही है.
पशुओं एवं कर्मियों के उपचार के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर व दवाई की व्यवस्था
उद्यान के निर्देशक वाई के दास ने बताया कि सभी कर्मियों का कोविड-टेस्ट कराया जाएगा जो भी संदिग्ध लगेंगे उन्हें 15 दिनों के लिए होम आइसोलेशन में भेजा जाएगा. उद्यान के चिकित्सक डॉ ओम प्रकाश साहू द्वारा पशुओं पर लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके अलावा उद्यान के पशु चिकित्सालय में ऑक्सीजन युक्त उपचार की सुविधा तैयार करने को कहा गया है. इसमें पशुओं के साथ उद्यान कर्मियों को भी इमरजेंसी में उपचार के लिए जरूरी दवा व अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होगी.
उद्यान के टाइगर, शेर, बिल्ली, लैपड व अन्य जानवरों को विटामिन सी की दवाई दी जा रही है ताकि जानवरों की इम्युनिटी ठीक रहे. इसके अलावा पक्षियों को भी दवाई दी जा रही है ताकि उन्हें किसी तरह की बीमारी ना हो.