- कोचों में गर्मी से निपटने की नहीं है कोई सुविधा
- अन्य राज्यों में आइसोलेशन कोचों में लगाए गए हैं कूलर
Ranchi: कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए रेलवे के तैयार आइसोलेशन कोच में गर्मी से निपटने के लिए कोई सुविधा नहीं है. इससे उपचार के दौरान मरीजों को परेशानी हो सकती है. अधिकांश आइसोलेशन कोच साधारण श्रेणी के डिब्बों में बनाए गए हैं. इससे इन ट्रेनों में गर्मी के मौसम में कोरोना संक्रमित के साथ उपचार करने वाले चिकित्सकों और पारा मेडिकल कर्मियों को भी दिक्कत हो सकती है. हालांकि राज्य सरकार ने इन आइसोलेशन कोचों को कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए अनुमति नहीं दी है. इसके लिए अभी तक रेलवे से कोई संपर्क भी नहीं किया गया है.
लेकिन देश के कुछ अन्य राज्यों में रेलवे की इन आइसोलेशन कोचों के उपचार में इस्तेमाल किया जाने लगा है. इसमें दिल्ली, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं.
मध्यप्रदेश के जबलपुर में आइसोलेशन वार्ड में मरीजों का उपचार हो रहा है. इसके लिए आइसोलेशन कोच में गर्मी से निपटने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की गई है. आइसोलेशन कोच की छत पर जुट के चटाई बिछाए गए है. साथ ही जरूरत पड़ने पर इन आइसोलेशन कोच में कूलर का भी उपयोग किया जा रहा है. इसके लिए आइसोलेशन कोच की खिड़कियों पर बाहर की ओर से लगा दिए गए हैं.
लेकिन रांची रेल मंडल के तैयार कोचों में ऐसी सुविधाएं नहीं है. ना ही इसकी तैयारी की जा रही है.
रेल अधिकारियों के मुताबिक रांची रेल मंडल के अधीन 60 कुछ पिछले साल से ही बनकर तैयार थे. पिछले साल राज्य सरकार की ओर से संपर्क भी किया गया था. लेकिन इस बार अभी तक ऐसी कोई बात नहीं हुई. इन सभी कोचों का रखरखाव किया जा रहा है. लेकिन गर्मी से निपटने के लिए इसमें बाहरी कोई सुविधा नहीं उपलब्ध कराया गया है.
रेल मंडल के डीआरएम नीरज अंबष्ठ ने कहा कि हटिया यार्ड में सभी आइसोलेशन कोच को लेकर दो रेक खड़े हैं. इनका रखरखाव किया जा रहा है. राज्य सरकार की ओर से जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जाएगा. फिलहाल स्टेट की ओर से इसकी इस्तेमाल को लेकर ऐसी कोई बात नहीं की गई है.