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Dumaria (Sanat Kumar Pani) : डुमरिया प्रखंड के कांटाशोल पंचायत अंतर्गत हलदीबनी में अष्टकोशी सिदो-कान्हू ओलचिकी इतुन आसड़ा द्वारा ओलचिकी रचयिता और संथाली भाषा के महान साहित्यकार पंडित रघुनाथ मुर्मू की 118 वीं जयंती मनाई गई. इस अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना की गयी. ओलचिकी इतुन आसड़ा के छात्र-छात्राओं के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए कामना की गई. बच्चों को पंडित रघुनाथ मुर्मू के विचारों से अवगत कराया गया. बताया गया कि अगर आपका भाषा लिपी, बोली और धर्म है तो आप हैं. अगर आपका भाषा लिपी, बोली धर्म खो गया तो आप खो जाओगे. ओलचिकी शिक्षक बैजु सोरेन ने कहा कि गुरु के मार्गदर्शन पर चलें. अपनी भाषा, संस्कृति, जाति, धर्म को बचाने के लिए शिक्षा बहुत ही जरूरी है. शिक्षा के बिना किसी भी समाज का विकास संभव नहीं है. इस मौके पर प्रधान मुर्मू, रघुनाथ हेम्ब्रम, विशु किस्कू, काशु मार्डी, सुनाराम बेसरा, छात्र-छात्राएं और ग्रामीण उपस्थित थे.
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