Ranchi : कोरोना काल में भी सूबे के मनरेगा मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है. मनरेगा कानून के तहत काम के बाद 15 दिनों के अंदर मजदूरी का भुगतान करना होता है. लेकिन महामारी के दौर में भी 40 से 45 दिनों से भुगतान प्रकिया लंबित है. राज्य सरकार भी प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा योजना पर जोर दे रही है. कोरोना काल में ग्रामीण इलाके के हजारों मजदूरों और उनके परिवार की आजीविका मनरेगा पर ही टिकी है. सूत्रों के मुताबिक राज्य में एक माह के करीब मनरेगा आयुक्त का पद रिक्त रहा, जिसका असर मजदूरी भुगतान पर पड़ा. जानकारी मिली है कि अगले चार से पांच दिनों में मनरेगा मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान कर दिया जाएगा.
भुगतान लंबित होने से मजदूर काम करने में नहीं ले रहे रुचि
भुगतान लंबित होने की वजह से मनरेगा मजदूर योजना में रुचि नहीं ले रहे हैं. सूबे के मनरेगा मजदूरों को मार्च 2021 के आखिरी सप्ताह से मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है. राज्य में मजदूरी मद में कुल 10 करोड़ 48 लाख 71 हजार बकाया है.
एक माह काम करने के बाद भी नहीं मिली बढ़ी हुई मजदूरी
झारखंड सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर हेमंत सरकार ने मनरेगा मजदूरी बढ़ाने की घोषणा की थी. 29 दिसंबर को सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने के मौके पर मुख्यमंत्री ने सार्वजानिक तौर पर घोषणा की थी कि सरकार राज्य मद से मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाकर 225 रुपये करेगी. वहीं 25 फरवरी को सीएम ने ट्विट किया था कि राज्य योजना से अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति और इसी के अनुसार बजटीय उपबंध करने की स्वीकृति दी गई. अब मनरेगा की मजदूरी 194 रुपये से बढ़कर 225 रुपये हो गयी है. लेकिन मजदूरों को अबतक नहीं मिली है बढ़ी हुई मजदूरी.
कुल लंबित मजदूरी और सामग्री मद का भुगतान
- जिला राशि (लाख में)
- बोकारो 632.4
- चतरा 357.36
- देवघर 1603.46
- धनबाद 211.42
- दुमका 898.81
- गढ़वा 1966.39
- गिरिडीह 1025.7
- गोड्डा 1288.7
- गुमला 508.33
- हजारीबाग 590.54
- जामताड़ा 2266.63
- कोडरमा 186.94
- लातेहार 712.9
- लोहरदगा 289.42
- पाकुड़ 533.22
- पलामू 1597.6
- रांची 1112.87
- साहिबगंज 789.19
- सरायकेला 764.3
- सिमडेगा 640.88
- वेस्ट सिंहभूम 644.27
- ईस्ट सिंहभूम 506.9
- खूंटी 352.97
- रामगढ़ 304.5
- कुल लंबित भुगतान 19785.79