New Delhi : नये संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी द्वारा किये जाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हल्ला बोला है.राहुल गांधी ने इसे गलत करार देते हुए कहा कि नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
जान लें कि 28 मई को नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री करेंगे. संसद भवन का निर्माणकार्य पूरा होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उसने उद्घाटन का आग्रह किया था. लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी थी.
नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 21, 2023
The sole architect, designer and worker for the new Parliament building, which he will inaugurate on May 28th. The picture tells it all—personal vanity project. pic.twitter.com/6eRtP9Vbhq
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 18, 2023
उद्घाटन राष्ट्रपति से ना कराना उनकी बेइज्जती है
कांग्रेस ने पूर्व में नये संसद भवन को पीएम मोदी की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा वाली परियोजना करार दिया था. कांग्रेस ने कहा था कि ऐसे भवन की क्या जरूरत है जब विपक्ष की आवाज पर ताला लगा दिया गया है. कांग्रेस ने यह भी कहा था कि नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से ना कराना उनकी बेइज्जती है.
प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत घमंड परियोजना
कांग्रेस के जनरल सेकरेटरी जयराम रमेश ने पार्लियामेंट के नये भवन को प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत घमंड परियोजना कहा है उन्होंने पीएम मोदी की उस तस्वीर को भी शेयर किया था, जब प्रधानमंत्री वहां गये थे. तस्वीर शेयर करते हुए जयराम रमेश ने लिखा, नये संसद भवन के एकमात्र वास्तुकार, डिजाइनर और कार्यकर्ता, जिसका उद्घाटन वे 28 मई को करेंगे. तस्वीर यह सब बताती है- व्यक्तिगत वैनिटी प्रोजेक्ट.
ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा,प्रधानमंत्री को संसद का उद्घाटन क्यों करना चाहिए? वह कार्यपालिका का प्रमुख होता है, विधायिका का नहीं. कहा कि लोकसभा और राज्यसभा स्पीकर उद्घाटन कर सकते हैं. यह जनता के पैसे से बनाया गया है
इसके पूर्व कांग्रेस ने संसद भवन के उद्घाटन की तिथि सामने आने पर सवाल उठाया था. 28 मई को विनायक दामोदर सावरकर का जन्मदिन है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इस दिन को चुनना महज संयोग है या फिर रणनीति के तहत यह किया गया है.
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