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Ranchi : खतियान संशोधन को लेकर विभिन्न जिलों के आदिवासी लोहरा समाज ने करमटोली स्थित धुमकुड़िया भवन में बैठक की. बैठक की अध्यक्षता करते हुए बालमुकुंद लोहरा ने कहा कि 32 जनजाति में लोहरा समाज भी आता है. लेकिन खतियान लेखन में लोहरा की जगह लोहार हो गया है. जिसके कारण से राज्य के लाखों लोहरा समाज आदिवासी समाज की गिनती से बाहर हो गया है. कार्यकारी अध्यक्ष अभय भुटकुवर ने कहा कि सरकारी विभाग की लापरवाही के कारण समाज को जनजाति का दर्जा नहीं मिल रहा है. लिपिक त्रुटी के कारण सीएनटी एक्ट की जमीन गैर आदिवासी बनाकर बेचा जा रहा है. लोहरा समाज के बच्चे का जाति , आवासीय और आय प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है. राज्य के सैकड़ों अधिकारी लोहरा समाज की जमीन को खरीद कर घर बना रहे हैं. सरकार जल्द खतियान में संशोधन करे, ताकि इन्हें अपना अधिकार मिल सके. मौके पर रामशरण तिर्की, महावीर लोहरा, डॉ. महेंद्र भगत, रामदेव लोहरा, भीमसेन लोहरा, आनंद कच्छप, उमेश लोहरा समेत सैकड़ों लोहरा समाज के लोग शामिल थे.
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