![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/WEB-BANNER-021.jpg)
Ranchi: नए संसद भवन के उद्घाटन के पूर्व दिल्ली में बेमियादी अनशन पर बैठे देश के पहलवानों को हिरासत में लेने, मारपीट को लेकर विरोध शुरू हो गया है. इसे लेकर मुख्यमंत्री से लेकर कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर कड़ी टिप्पणी की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने निजी ट्विटर हैंडल से ट्विट करके इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने कहा कि ” जिस दिन संसद का नया भवन राष्ट्र को समर्पित किया जा रहा है, भारत के सबसे प्रसिद्ध चैंपियन पहलवानों, हमारे राष्ट्रीय गौरव के साथ इस तरह की क्रूर और शर्मनाक मारपीट को देखना दुखद है.” उनका अपराध – शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक विरोध के माध्यम से न्याय की मांग करना.मैं उनकी नजरबंदी की कड़ी निंदा करता हूं और उनकी तत्काल रिहाई की मांग करता हूं.
इसे पढ़ें- ट्रेड यूनियनों का राज्य स्तरीय कन्वेंशन : वक्ताओं ने केंद्र सरकार को बताया मजदूर-किसान विरोधी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बयान जारी कर कहा कि हद हो गई. जो पहलवान देश के लिए पदक जीत कर लाते हैं, उनके साथ देश के मालिक लोग फोटो खिंचावाते हैं. राष्ट्रीयता की बात करते हैं. मगर इन्हीं पहलवानों के साथ क्रूर व्यवहार हो रहा है. कहां हैं देश पर नाज करने वाले लोग. क्या दोषी भाजपा के सांसद हैं. इसलिए चारों ओर शांति ही शांति और चुप्पी छाई है.
इसे भी पढ़ें- रांचीः बीजेपी का नौ साल देश बदहाल, 30 मई को काली पट्टी बांध विरोध जताएंगे राजद नेता
प्रदेश राजद के प्रवक्ता डॉ मनोज कुमार ने कहा कि पहलवानों के साथ ऐसा व्यवहार कहीं से भी उचित नहीं है. खिलाड़ियों पर गर्व करने वाले हमारे प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं को चुप्पी तोड़नी चाहिए. सबसे पहले तो इन्हें तत्काल रिहा करना चाहिए और दोषी को सजा दिलानी चाहिए.
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/neta.jpg)
Leave a Reply