![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/WEB-BANNER-021.jpg)
- धर्म कोड की राजनीति
- सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक सरना धर्म कोड के समर्थन में
- झामुमो, कांग्रेस, राजद, जदयू, आजसू सहित वाम दलों के नेताओं ने सीएम की पहल को सराहा
- सीएम के राष्ट्रपति से सरना कोड लागू करवाने की पहल से राजनीतिक हलचल तेज
- सभी हैं कोड के पक्ष में,पर संविधान के अनुरूप पहल होने की बात कही
Ranchi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड दौरे पर आयीं, तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके समक्ष सरना धर्म कोड का मामला रखा. कहा कि उन्होंने विधानसभा से प्रस्ताव पारित करा कर केंद्र के पास भेजा है. राष्ट्रपति से उन्होंने इसे केंद्र से पारित कराने का आग्रह किया. सीएम हेमंत सोरेन की इस पहल से सूबे की राजनीति में हलचल मची है. सत्ताधारी दल और समर्थक सरना धर्म कोड लागू कराने के लिए सीएम हेमंत सोरेन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की है, वहीं विपक्षी भाजपा पर निशाना साधा है. कहा कि भाजपा सिर्फ राजनीति करती है. उधर सीएम की पहल से विपक्षी दल के नेता भी सतर्क हो गए हैं. धर्म कोड का समर्थन तो कर रहे हैं, लेकिन विकास और मुख्यधारा से ध्यान हटाने की बात कह रहे हैं. वे कहते हैं कि मुख्यमंत्री दिखावे की राजनीति कर रहे हैं. उन्हें मालूम है कि इस तरह से सरना धर्म कोड को मंजूरी नहीं मिलेगी. इसके लिए संवैधानिक तरीके से ही पहल करनी होगी. लेकिन मुख्यमंत्री संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा किए बिना राष्ट्रपति से सरना धर्म कोड को मंजूरी दिलाने की मांग कर रहे हैं. वैसे झामुमो, कांग्रेस, राजद, जदयू, आजसू सहित वाम दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री की सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर की गई पहल को सराहा है. कहा कि अब भाजपा को गंभीरता से आत्ममंथन कर जल्द फैसला लेना चाहिए. शुभम संदेश की टीम ने इस मुद्दे पर राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से बात की है.पेश है रिपोर्ट.
रांची
सिर्फ मुद्दे की मार्केटिंग कर रही सरकार : सीपी सिंह
भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि सरना धर्मकोड को विधानसभा से पास कराने में भाजपा नें भी सहयोग किया था। भाजपा चाहती है कि सरना धर्मकोड लागू हो, लेकिन इस सरकार की मंशा ही नहीं है कि सरना धर्मकोड लागू हो. ये लोग विधेयक भेजकर सो गये। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री से मिलकर बात नहीं की. यह सरकार कुछ करना नहीं चाहती है. इन्हें पता है कि सरना धर्मकोड पास होने के बाद इनके पास राजनीति का मुद्दा खत्म हो जाएगा, इसलिए यह सिर्फ इसके नाम पर मार्केटिंग कर रहे हैं.
सरना धर्मकोड पर जल्द फैसला ले केंद्र : लंबोदर महतो
आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि सरना धर्मकोड विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुआ था. आजसू पार्टी चाहती है कि जल्द से जल्द सरना धर्मकोड लागू हो. पार्टी केंद्र सरकार से इसपर जल्द फैसला लेने की मांग करती है. राज्य सरकार सिर्फ आदिवासियों का हितैषी बनने का ढोल पीटती है, लेकिन उसकी मंशा साफ नहीं है. ओबीसी आरक्षण और 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति का विधेयक भी बिना त्रुटियों को दूर किये संख्या बल के आधार पर पास किया गया, जिसका हश्र सामने है.
झारखंड के 12 सांसद अबतक क्या कर रहे थे : राजीव रंजन
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि झारखंड सरकार सरना धर्मकोड लागू करने के लिए केंद्र सरकार के पास लगातार गुहार लगा रही है. भाजपा कैसे कह सकती है कि सरकार सो गई. इससे भद्दा मजाक राज्य के साथ और क्या हो सकता है. सरना धर्मकोड आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल है. केंद्र सरकार ने इसे लटका दिया है. भाजपा हर मामले का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करती है. राज्य की जनता ने यहां से भाजपा 12 सांसद चुनकर भेजे हैं. ये लोग अबतक क्या कर रहे थे.
हेमंत ने खुद को और अपनी नीयत को छोटा किया : दीपक प्रकाश
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति के कार्यक्रम में सरना धर्मकोड पर राजनीति की. राष्ट्रपति का कार्यक्रम दलीय आधार पर नहीं हो रहा था. वहां इस विषय को उठाकर हेमंत सोरेन ने अपने आपको और अपनी नीयत को छोटा करने का काम किया है. उन्होंने मंच की गरिमा को कम करने का काम किया.यह विषय राजनीति का नहीं है. भाजपा सभी का हित और राज्य का विकास करना चाहती है.
रामगढ़
झारखंडी आदवासियों को ही लाभ मिलेगा : बिनोद किस्कू
झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अधयक्ष बिनोद किस्कू कहते है कि झारखंड मुक्ति मोरचा आंदोलन की पार्टी है. जिसने हमेशा झारखंडी हितों को ध्यान में रखकर अच्छे झारखंड का निर्माण के लिए संघर्ष किया है . बगैर आदिवासी झारखंड की पहचान नहीं हो सकती है . झारखंड को अलग बनाने में आदवासियो ने न जाने कितने बलिदान दिए हैं. उन्हें अपना हक और अधिकार मिलना ही चाहिए . मुख्यमंत्री के द्वारा राष्ट्रपति से सरना कोड को केंद्र से मंजूरी दिलाने का आग्रह किया गया है.
हक और अधिकार के लिए सरना कोड जरूरी : मुन्ना पासवान
कांग्रेस जिला अध्यक्ष मुन्ना पासवान कहते हैं कि मुख्यमंत्री के द्वारा सरना कोड लागू करने को लेकर राष्ट्रपति से आग्रह करना सराहनीय पहल है. क्योकि झारखंड में आदिवासी हितों की रक्षा करने को लेकर सरना कोड लागू होना ही चहिए .जिससे की उनका मनोबल बढ़ सके. सरना कोड की बातें सभी दलों के लोग करते हैं, लेकिन किसी न अग्रणी भूमिका निभाकर इसे धरातल पर उतारने का कार्य नहीं किया. ऐसे में मुख्यमंत्री के द्वारा उठाया गया यह कदम आदिवासी के हितों में उठाया गया कदम काफी सराहनीय है.
झारखंड आदिवासियों का नहीं बल्कि सभी का है : प्रवीण मेहता
भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रवीण मेहता कहते हैं कि हेमंत सोरेन के द्वारा सरना कोड लागू करने की राष्ट्रपति से आग्रह करते हुए यह कहना कि सरना कोड लागू नहीं होता है तो आदिवासियों का वजूद नहीं बचेगा, यह अमर्यादित है. झारखंड केवल आदिवासियों का नहीं बल्कि यहां रहने वाले सभी जाति के लोगों का है . भाजपा जात की नहीं जमात की राजनीति करती है. जिसमें सारे लोगों का संपूर्ण विकास करना ही हमारा उद्देश्य है. मुख्यमंत्री के द्वारा झारखंड में केवल आदिवासी हित में बात करना न्याय संगत नहीं है.
सीएम की कथनी और करनी में अंतर है: दिलीप दांगी
आजसू जिला अध्यक्ष दिलीप दांगी कहते हैं कि आजसू पार्टी शुरू से ही सरना कोड की पक्षधर है. झारखंड की जनता के न्याय व हक और अधिकार के लिए आजसू हमेशा से ही खड़ी है. इस सरकार ने पहले 1932 का खतियान और स्थानीय नीति के मुद्दों को केंद्र के पाले में फेंक दिया है. एकबार फिर सरना कोड जैसी मुद्दे केंद्र पर छोड़ देना उचित नहीं होगा . उन्होंने कहा कि हर मुद्दे को केंद्र पर छोड़ देना न्याय संगत नहीं है. हेमंत सोरेन की सरकार के कथनी ओर करनी में अंतर है.उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी जन मुद्दे को लेकर हमेशा से ही अग्रणी भूमिका निभाई है.
लातेहार
आदिवासियों की हितैषी नहीं भाजपा : शाहदेव
झामुमो जिला अध्यक्ष लाल मोती नाथ शाहदेव ने कहा है कि झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनगणना में सरना आदिवासी धर्म कोड शामिल करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कराकर केंद्र को भेजा था. इस पर केंद्र सरकार अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पायी है. केंद्र सरकार की चुप्पी सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करती है.
मांग पूर्व से ही की जा रही है: पंकज तिवारी
कांग्रेस जिला प्रवक्ता पंकज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति से सरना धर्म कोड को केंद्र से मंजूरी दिलाने का आग्रह किया है. सरना कोड की मांग पूर्व में भी की गयी है. जनगणना के दौरान हिंदू, मुस्लिम, क्रिश्चयन, जैन, सिख और बौद्ध धर्म के लोग अपने धर्म का उल्लेख जनगणना के फॉर्म में करते हैं, उसी तरह एक और कॉलम आदिवासियों के लिए होना चाहिए.
प. बंगाल धर्म कोड के समर्थन में: रंजीत यादव
राजद जिला उपाध्यक्ष रंजीत यादव ने भी सरना कोड लागू करने की वकालत की. उन्होंने कहा है कि झारखंड के बाद बंगाल दूसरा ऐसा राज्य है, जिसने आदिवासियों के लिए अलग धर्मकोड का प्रस्ताव पारित किया है. इसी साल 17 फरवरी को टीएमसी सरकार विधानसभा में आदिवासियों के सरना धर्म कोड को मान्यता देने से संबंधित यह प्रस्ताव बिना किसी विरोध के ध्वनिमत से पारित किया है.
हजारीबाग :
अधिकतर दलों ने सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को सराहा, भाजपा ने कहा-चिंतन कर लें फैसला
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति से सरना धर्म कोड को केंद्र से मंजूरी दिलाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि सरना धर्म कोड लागू नहीं हुआ, तो आदिवासियों का वजूद नहीं बचेगा. हजारीबाग में कांग्रेस, राजद, जदयू, झामुमो, आजसू सहित वाम दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री की सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर की गई पहल को सराहा है. वहीं भाजपा ने इस पर गंभीरता से आत्ममंथन कर फैसला लेने की बात कही है.इस ओर सभी दलों को ध्यान देने की बात कही है.
कोड पर आत्ममंथन की जरुरत : भैया अभिमन्यु
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भैया अभिमन्यु प्रसाद ने कहा कि आदिवासी सरना धर्म कोड लागू करने के पहले इस समाज के जानकारों को गंभीरता से आत्ममंथन करने की जरूरत है. अगर इसमें आदिवासियों के उत्थान से संबंधित हित छिपा हो, तो इसे लागू करें. यह भी देखने की जरूरत है कि कहीं सिर्फ इसका राजनीतिक लाभ उठाने के लिए तो मांग नहीं की गई है.
आजसू शुरू से पक्षधर रही है : विकास राणा
आजसू के जिलाध्यक्ष विकास कुमार राणा ने कहा है कि उनकी पार्टी ने ही सबसे पहले आदिवासियों को सरना धर्म कोड देने की मांग उठाई थी. आजसू पार्टी के एजेंडे में यह शामिल है. सर्वप्रथम कमल किशोर भगत ने इस संबंध में आवाज बुलंद की थी. आज लोहरदगा के दिवंगत विधायक नहीं हैं, लेकिन आजसू उनकी आवाज के साथ है.
आदिवासी हित में आवाज उठाई है : राजेश अनूप
झामुमो नेता राजेश अनूप लकड़ा ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने आदिवासी हित में यह आवाज उठाई है. यह सही है कि सरना धर्म कोड लागू होने से आदिवासियों का अस्तित्व बचेगा. राष्ट्रपति को भी सीएम की बातों पर गौर फरमाने और उनकी इस मांग को पूरा करने की जरूरत है. सरना धर्म कोड लागू होने से फिर आदिवासियों को धार्मिक दृष्टिकोण से कोई नुकसान पहुंचाने की हिमाकत नहीं कर पाएगा.
कोड लागू करने की मांग बेहतर पहल : संजर मलिक
राजद प्रदेश कमेटी के पदाधिकारी संजर मलिक ने कहा कि सरना धर्म कोड लागू करने की मांग बेहतर पहल है. राष्ट्रपति से यह मांग कर सीएम ने आदिवासी हितों की रक्षा के लिए सही कदम उठाया है. हर जाति, धर्म, समुदाय का अपना धर्म कोड लागू होना ही चाहिए. वैसे भी झारखंड में आदिवासियों की बहुलता है. ऐसे में सरना धर्म कोड लागू करने की सीएम की मांग उचित है.
मांग सर्वसम्मति से पारित हुई थी : मनोज
हजारीबाग महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मनोज नारायण भगत ने कहा कि झारखंड विधानसभा ने 11 नवंबर 2020 को ही विशेष सत्र में आदिवासियों के सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया था. यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन इसपर अब तक निर्णय नहीं हुआ है.
सरना कोड लागू होना जाहिए : गणेश कुमार
सीपीएम नेता गणेश कुमार वर्मा उर्फ सीटू ने कहा कि आदिवासियों के हित में सरना धर्म कोड लागू होना चाहिए. इस कोड के लागू होने से आदिवासी सुरक्षित होंगे और उनका अपना एक वजूद होगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति से यह मांग कर आदिवासियों के हित में बेहतर पहल की है. राष्ट्रपति को भी चाहिए कि इस मामले को गंभीरता से पहल करनी चाहिए.
देवघर
सीएम का राजनातिक एजेंडा है : पंकज सिंह
भाजपा नेता पंकज सिंह भदोरिया का कहना है कि यह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का राजनीतिक हथकंडा के सिवाय कुछ नहीं. एक तरफ 60/40 की नियोजन नीति लाकर झारखंड के आदिवासियों की भावनाओं पर चोट करते हैं. दूसरी तरफ सरना धर्म कोड पर झूठा स्वांग रच रहे हैं.
बरगलाने के लिए कोड का राग : ध्रूव प्रसाद
आजसू नेता ध्रूव प्रसाद साह का कहना है कि यह मुख्यमंत्री का 2024 का चुनावी एजेंडा है. मुख्यमंत्री 2019 के चुनाव में किये गये अपने वादों पर खरा नहीं उतर पाये तो लोगों को बरगलाने के लिए यह राग छेड़ा है. प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवा मुख्यमंत्री की वादाखिलाफी से नाराज हैं.
चंदवा
सराहनीय है सीएम की पहल : असगर खान
कांग्रेस पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि चंदवा के असगर खान मुख्यमंत्री के द्वारा आदिवासियों के सरना धर्म कोड की मांग किये जाने पर कहा है कि यह पहल सराहनीय है. कोड के नहीं रहने से सरकार के दस्तावेज में सरना धर्मावलम्बियों की पहचान ही नहीं है.
हमारा दल समर्थन करता है: रामप्रवेश
राजद जिलाध्यक्ष लातेहार रामप्रवेश यादव कहते हैं कि हमारा दल सरकार बनने के समय से सरकार के साथ है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति से आदिवासियों के सरना धर्म कोड की मांग रखने की बात को सरना धर्म के लोगों के लिए मिल का पत्थर कहा है.
गिरिडीह
कोड को मंजूरी दे केंद्र सरकार : प्रो. जयप्रकाश
सरना कोड के संबंध में पूर्व विधायक सह झामुमो नेता प्रो. जयप्रकाश वर्मा ने बताया कि भारत विविधताओं वाला देश है. लोगों को किसी भी धर्म को मानने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है. आदिवासियों की भावनाओं का कद्र करते हुए सीएम ने राष्ट्रपति से सरना धर्म कोड को मंजूरी दिलाने की मांग की है.
अलग धर्म कोड होना ही चाहिए : राजकुमार
पूर्व विधायक सह भाकपा माले नेता राजकुमार यादव का कहना है कि देश में कई धर्मों की अपनी अलग पहचान है. सरना धर्म कोड की भी अपनी पहचान होनी चाहिए. देश में आदिवासियों की बड़ी आबादी है, आदिवासियों का अलग धर्म कोड होना ही चाहिए.
चांडिल
यह आदिवासी समाज के हित में है : राजू चौधरी
कांग्रेस के सरायकेला-खरसावां जिला महासचिव राजू चौधरी ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन की सरना धर्म कोड को लेकर राष्ट्रपति से मांग करना झारखंड ही नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के हित में है. आदिकाल से वे अलग धर्म का अनुपालन करते हैं, तो उसका अलग कोड भी होना चाहिए.
विकास के लिए मांग जायज है : मनमन सिंह
सरायकेला-खरसावां जिला महासचिव मनमन सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति से मुलाकात कर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सरना कोड की मांग आदिवासियों के समुचित विकास और विशेष पहचान के लिए जायज है. राज्य सरकार ने इस मामले में अपना काम कर दिया है.
साहिबगंज
अपनी एक पहचान होनी चाहिए : अनुकूल
कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनुकूल मिश्रा ने कहा कि देश में कई धर्मो की पहचान है. सरना धर्म कोड की भी अपनी एक पहचान होनी चाहिए. देश में आदिवासियों की बड़ी आबादी है. आदिवासियों का अलग धर्म कोड होना ही चाहिए.
इसे राजनीतिक चश्मे से न देखें : प्रो. नजरूल
जेएमएम प्रदेश उपाध्यक्ष प्रोफेसर नजरूल इस्लाम ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति से सरना धर्म कोड लागू करने के कहना को जेएमएम के सभी पदाधिकारी समर्थन करतें हैं. इसे लागू होना चाहिए, जिससे आदिवासियों की अस्मिता बची रहेगी.
धनबाद : आदिवासियों की पहचान है सरना धर्म कोड, केंद्र जल्दी मान ले तो बेहतर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति से सरना धर्म कोड को केंद्र से मंजूरी दिलाने का आग्रह कर झारखंड के राजनीतिक जगत में हलचल पैदा कर दी है. राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि सरना धर्म कोड लागू नहीं हुआ, तो आदिवासियों का वजूद नहीं बचेगा. राजनीतिक दलों के नेता भी सरना धर्म कोड लागू करने के पक्ष में हैं. उनका कहना है कि सरना धर्म आदिवासियों की पहचान है. आदिवासी अपनी संस्कृति और पहचान की मांग कर रहे हैं. केंद्र सरकार को शीघ्र इस पर फैसला लेना चाहिए.कहा गया कि आदिवासियों की मांग जायज है.इस दिशा में सरकार को शीघ्र पहल करनी चाहिए. अदिवासी प्रकृति पूजक है और उनकी यह मांग बहुत पुरानी है. इस दिशा में शीघ्र पहल होनी चाहिए.
आदिवासियों के लिए जरूरी मांग : मंटू महतो
आजसू के जिला अध्यक्ष मंटू महतो का कहना है कि झारखंड के आदिवासियों के लिए यह मांग बिल्कुल जायज है. इस मांग को केंद्र सरकार को भी मानना चाहिए. झारखंड के आदिवासी सरना धर्म मानने वाले हैं. यह उनकी पहचान भी है. अगर सरना धर्म कोड नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं, जब आदिवासियों की पहचान ही विलुप्त हो जाएगी.
अदिवासियों की मांग जायज : मुकेश पांडेय
भाजपा के पूर्व युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष मुकेश पांडेय का कहना है कि झारखंड में रहने वाले आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू होना अनिवार्य है. भाजपा भी इसका पूर्ण समर्थन करती है. उन्होंने कहा कि यह झारखंड के आदिवासियों की पुरानी मांग है. प्रकृति की पूजा करने वाले आदिवासी अपनी संस्कृति और पहचान की मांग कर रहे हैं.
आदिवासी कोड पाने के हकदार : तारकेश्वर
आरजेडी के जिला अध्यक्ष तारकेश्वर यादव के अनुसार आदिवासियों का अपना धर्म व संस्कृति बचाने का पूरा अधिकार है. वह इन्हें मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह खुद इसका पूर्ण समर्थन करते हैं. सरन धर्म मानने वाले लोग अगर इसे लागू करने की मांग कर रहे हैं तो यह कहीं से गलत नहीं है. केंद्र सरकार को इस पर जल्द सकारात्मक फैसला लेना चाहिए.
अब केंद्र सरकार जल्द फैसला ले : रमेश टुडू
झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश टुडू का कहना है कि विधानसभा में सरन धर्म कोड पारित कर दिया गया है. अब केंद्र सरकार को भी ज्यादा समय लिए बगैर पास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड आदिवासियों की पहचान है और इसकी मांग हमारे पुरखों के जमाने से की जा रही है. हम किसी भी हाल पर अपनी पहचान को मिटने नहीं देंगे.
जामताड़ा
हेमंत कोड के लिए गंभीर नहीं रहे: सुमित
भाजपा के जिला महामंत्री सुमित शरण ने कहा कि हेमंत सोरेन सरना कोड के लिए कभी गंभीर नहीं रहे और राष्ट्रपति के एक गैर राजनीतिक मंच का प्रयोग राजनीति के लिए किया. भाजपा ने तो पूरा सहयोग किया पर इसे लागू करवाने के लिए सीएम ने न्याय संगत प्रणाली नहीं अपनाई.
सकरात्मक भूमिका हो : सलीम अंसारी
कांग्रेस नेता सलीम अंसारी उर्फ बीरबल ने कहा कि सभी धर्मों का अपना कोड है. आदिवासियों की मांग को देखते हुए सरना धर्म कोड को मंजूरी मिलनी चाहिए. कहा गया कि मुख्यमंत्री की मांग जायज है. राष्ट्रपति की ओर से सरना कोड धर्म लागू कराने की दिशा में सकरात्मक भूमिका निभाई जानी चाहिए.
चाईबासा
लंबे समय से मांग की जा रही है : त्रिशानु राय
पश्चिम सिंहभूम कांग्रेस के जिला महासचिव त्रिशानु राय कहते हैं कि झारखंड प्रदेश के आदिवासियों द्वारा लंबे समय से अलग सरना धर्म कोड की मांग केंद्र सरकार से की जा रही है. झारखंड प्रदेश के विभिन्न आदिवासी समूह भी अपनी विशिष्ट पहचान एवं अस्तित्व के रक्षार्थ एकजुटता से अलग सरना धर्म कोड की मांग पूरी प्रतिबद्धता से उठाते रहे हैं. इस दिशा में केन्द्र सरकार को शीघ्र कदम उठाना चाहिए.
झारखंड के हित में बेहतर होगा : प्रीतम
युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रीतम बारीक कहते हैं कि झारखंड में सरना धर्म कोड लागू करने की लंबे समय से मांग चल रही है, लेकिन केंद्र सरकार इस पर गंभीर नहीं है. केंद्र सरकार यदि समय पर इसको पूरा कर देगी तो झारखंड के हित के लिए बेहतर होगा. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी राष्ट्रपति के समक्ष सरना धर्म कोड लागू करने की मांग रखी है.
राज्य सरकार गंभीर नहीं है : सतीश पुरी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिलाध्यक्ष सतीश पुरी कहते हैं कि आदिवासियों के हित में भारतीय जनता पार्टी हमेशा साथ खड़ी है. सरना धर्म कोड की मांग वर्षों से चल रही है, लेकिन राज्य सरकार सरना धर्म कोड को लेकर गंभीर नहीं है. जिसके कारण यह बिलंब हो रहा है. झारखंड में भाजपा की सरकार जब थी तो सरना धर्म कोड को लेकर प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा गया है.
जमशेदपुर
मुख्यमंत्री की पहल का स्वागत है : कुणाल षाड़ंगी
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सरना धर्म कोड को केंद्र से मंजूरी दिलाने का आग्रह का स्वागत है. नियमों के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी प्रदन की जाएगी. सरना धर्म कोड आदिवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग है. राज्य सरकार को इसके लिए नियमों के आधार पर केंद्र सरकार से आग्रह करना उचित है.
पास करने का अधिकार केंद्र को : शैलेंद्र महतो
पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा राष्ट्रपति से सरना धर्म कोड के लिए आग्रह करना ठीक है. लेकिन राष्ट्रपति का काम तो केंद्र सरकार द्वारा सरना धर्म कोड पास करने के बाद हस्ताक्षर करना है. इसलिए मुख्यमंत्री को सही पटल पर सरना धर्म कोड की मंजूरी के लिए आग्रह करना चाहिए.
केन्द्र को मंजूरी प्रदान करनी चाहिए : सूर्य सिंह बेसरा
आदिवासी नेता सूर्य सिंह बेसरा का कहना है कि देश भर में 20 करोड़ आदिवासी हैं, जो हिंदू नहीं है और उनका कोई धर्म कोड भी नहीं है. भारत के संविधान के आर्टिकल 25 में देशवासियों के लिए धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार निहित है. इसलिए वर्षों के सरना धर्म कोड की आदिवासियों की मांग को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान करना चाहिए. इससे उन्हें उनकी पहचान मिल सकेगी.
पाकुड़
लागू करने की जिम्मेवारी केंद्र की : उदय लखवानी
इस संबंध में कांग्रेस के प्रदेश सचिव उदय लखवानी ने बताया कि झारखंड की यूपीए गठबंधन सरकार प्रदेश में सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर एकमत हैं. झारखंड में इसे लागू किया जाना चाहिए. जिससे आदिवासियों की अस्मिता बची रहे. विधानसभा में भी इस बिल को पारित किया गया है. अब केंद्र सरकार की जिम्मेवारी बनती है कि सरना धर्म कोड लागू करे.
केन्द्र सरकार ही इस पर निर्णय लेगा : अमृत
इस संबंध में भाजपा जिला अध्यक्ष अमृत पांडेय का कहना है कि केंद्र में भाजपा की सरकार है.इसलिए इस पर निर्णय केन्द्र सरकार लेगी. आदिवासी समाज की यह मांग सही है. इस पर विचार किया जायेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी समाज के हित में यह मांग रखी है. भाजपा भी आदिवासियों की पहचान और विकास के लिए प्रयासरत है.
कोड लागू किया जाना चाहिए : गौतम मंडल
जदयू जिला अध्यक्ष गौतम मंडल का कहना है कि आदिवासियों की अस्मिता एवं वजूद को बचाने के लिए झारखंड में सरना धर्म कोड लागू किया जाना चाहिए. जदयू इस कोड का समर्थन करता है. आदिवासी समाज के हित में इस कोड को लागू किया जाना चाहिए. इसलिए इस दिशा में शीघ्र पहल करने की जरुरत है. ताकि उन्हें उनकी पहचान मिल सके.
चक्रधरपुर
सीएम के विचार से सहमत हूं : जोबा मांझी
झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक सह मंत्री जोबा माझी कहती हैं कि झारखंड दौरे पर आयी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरना धर्म को केन्द्र से मंजूरी दिलाने का आग्रह किया है. साथ ही कहा कि सरना धर्म कोड लागू नहीं हुआ तो आदिवासियों का वजूद नहीं बचेगा. उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी बातों को सही तरीके से रखा है.
कोड की मांग जायज : रामलाल मुंडा
आजसू पार्टी के पश्चिमी सिंहभूम जिलाध्यक्ष रामलाल मुंडा ने कहा कि सरना धर्म कोड लागू कराने की मांग जायज है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने भी इसे लेकर सड़क से सदन तक बातें उठायी हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरना धर्म कोड लागू करने की जो मांग की है, यह निश्चित रुप से लागू किया जाना चाहिए. आदिवासियों के हित को ध्यान में रखते हुये केन्द्र को सरना धर्म कोड लागू करना चाहिए.
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/neta.jpg)
Leave a Reply