अमेरिका में अभी तक 10.1 फीसदी आबादी संक्रमित हुई, ब्राजील में 7.3 फीसदी, फ्रांस में नौ फीसदी और इटली में 7.4 फीसदी आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हुई है.
NewDelhi : देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि अब तक देश की कुल आबादी के दो फीसदी से कम लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आये हैं. वहीं 98 फीसदी आबादी अब भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है. उन्होंने लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दी है
98 फीसदी आबादी पर अब भी संक्रमण का खतरा बरकरार
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि भारत की कुल आबादी के 1.8 फीसदी लोग ही कोविड-19 से प्रभावित हुए हैं और 98 फीसदी आबादी अब भी संक्रमण की चपेट में आ सकती है, खतरा बरकरार है. कहा कि पिछले 15 दिनों में उपचाराधीन मामलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. तीन मई को संक्रमण की दर 17.13 फीसदी थी, जो अब घटकर 13.3 फीसदी रह गयी है.
199 जिलों में संक्रमण दर में पिछले दो हफ्ते में कमी आयी
संयुक्त सचिव के अनुसार आठ राज्यों में कोविड-19 के एक लाख से अधिक मामले हैं और 22 राज्यों में संक्रमण की दर 15 फीसदी से अधिक है. दावा किया कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के मामलों में कमी आयी है और संक्रमण दर भी कम हुई है. लव अग्रवाल ने कहा कि 199 जिलों में कोविड-19 के मामलों और संक्रमण दर में पिछले दो हफ्ते में कमी आयी है.
दूसरी लहर धीमी पड़ी : नीति आयोग
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने संवाददाताओं से कहा कि कई राज्यों में महामारी का ग्राफ स्थिर हो रहा है. पॉल ने कहा, प्रसार पर रोक लगाने के लिए व्यापक प्रयास और जांच के कारण स्थिरता आयी है. कुछ राज्यों में चिंता बनी हुई है. मिश्रित स्थिति है लेकिन संपूर्ण रूप से स्थिरता है और वैज्ञानिक विश्लेषण से हमें पता चलता है कि महामारी कम हो रही है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका में अभी तक 10.1 फीसदी आबादी संक्रमित हुई है, ब्राजील में 7.3 फीसदी, फ्रांस में नौ फीसदी और इटली में 7.4 फीसदी आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हुई है. ब्लैक फंगस के बारे में पॉल ने कहा कि अभी संख्या इतनी ज्यादा नहीं है लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता.
ब्लैक फंगस को लेकर सभी राज्यों से चर्चा
उन्होंने कहा, ‘‘हमने ब्लैक फंगस को लेकर सभी राज्यों से चर्चा की है और एम्फोटेरीसीन बी की उपलब्धता को लेकर दबाव है और अभी तक संख्या इतनी अधिक नहीं है लेकिन हम इसे हल्के में नहीं ले सकते. कई मामलों के माध्यम से हमें पता चला कि अनियंत्रित मधुमेह और खासकर कोविड में तथा स्टेरॉयड के इस्तेमाल से इस बीमारी की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए, जिन्हें भी मधुमेह है, उन्हें इसे नियंत्रण में रखने का प्रयास करना चाहिए. बच्चों में कोविड संक्रमण के बारे में पॉल ने कहा कि यह देखा गया कि बच्चे प्रभावित हैं, लेकिन उनमें लक्षण नहीं हैं.