Buxar: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने जब से नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दिया हैं. तभी से बिहार में सियासी हलचल तेज गई है. संतोष मांझी के इस्तीफे पर ललन सिंह ने बयान देते हुए कहा था कि “पूरे देश की पार्टियां एक हो रही हैं, 17 पार्टियां बिहार आ रही हैं. पूरे देश में विपक्ष एकजुट होगा. अब छोटे-छोटे दलों को अपनी दुकानें बंद कर लेनी चाहिए”. ललन सिंह के इस बायन के बाद अब इस मामले में नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं. इस बयान पर भाकपा माले ने आपत्ति जताई है. बक्सर पहुंचे दीपांकर भट्टाचार्य ने ललन सिंह के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक देश में संभव नहीं है. लोकतंत्र की खूबसूरती इसी में होगी जब देश में एक साथ कई छोटे बड़े दल होंगे. किसी भी पार्टी को छोटा समझना सही नहीं हैं.
जीतनराम मांझी जैसे लोग आते जाते रहते हैं- JDU
इससे पहले जेडीयू नेत्री लेसी सिंह ने कहा कि पार्टी में लोगों के आने-जाने का सिलसिला चलता रहता है. किसी के आने-जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता. संतोष कुमार के नीतीश मंत्रिमंडल छोड़ने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता. इससे सरकार की स्थिरता पर कोई खतरा नहीं है. बता दें कि पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है. इस बैठक से पहले ही मांझी के बेटे ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देकर सियासत को एक नई हवा दे दी है.
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