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सिंदरी में बिरसा समिति ने आयोजित किया कार्यक्रम, दी श्रद्धांजलि
sindri : सिंदरी में बिरसा समिति ने 30 जून शुक्रवार को सिदो-कान्हू के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर संथाल विद्रोह को याद किया. इस अवसर पर मौजूद समिति के महासचिव बबलू महतो ने कहा कि हूल आंदोलन को कार्ल मार्क्स ने भारत की प्रथम जनक्रांति कहा था. ब्रिटिश हुकूमत और जमींदारों के अत्याचारों के खिलाफ सन 1855 में सिदो-कान्हू ने एकजुट होकर विद्रोह का बिगुल फूंका था. उनके साथ चांद मुर्मू, भैरव मुर्मू और फूलो झानो के क्रांतिकारी सहयोग को याद किया जाएगा.
वरिष्ठ नेता अंबुज कुमार मंडल ने कहा कि संथाल विद्रोह का नारा था-करो या मरो, अंग्रेजों हमार माटी छोड़ो. कार्यक्रम की अध्यक्षता अमर सिंह व संचालन सोहन सोरेन ने किया. मौके पर सुरेश प्रसाद, महालाल हांसदा, नुनूलाल टुडू, दशरथ ठाकुर, गौतम प्रसाद, विकास ठाकुर, राधेश्याम प्रसाद, दीपू होरो, सुबल महतो, राजा राम रजक, मुकेश महतो, प्रदीप पाल, विरिचि महतो, अमर सिंह और सोहन सोरेन मौजूद थे.
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