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Adityapur (Sanjeev Mehta) : शनिवार को ऑटो क्लस्टर सभागार में “मुकदमेबाजी के पहले मध्यस्थता” विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन सिटीजन फोरम जमशेदपुर के द्वारा किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक रोशन और विशिष्ट अतिथि सरायकेला-खरसावां के प्रधान जिला जज विजय कुमार मौजूद थे. गोष्ठी को मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक रोशन ने संबोधित करते हुए कहा कि मुकदमेबाजी से बेहतर मध्यस्थता यह कॉन्सेप्ट अच्छा है, इससे समय, धन और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है. वैसे भी देर से मिला न्याय भी अन्याय की श्रेणी में आता है. देश के न्यायालय में यह कथन प्रचलित है कि भले सौ गुनाहगार बच जाएं लेकिन एक बेगुनाह को सजा न मिले. मुकदमेबाजी से पूर्व मध्यस्थता का यह कॉन्सेप्ट जन जन तक पहुंचाने और सोसायटी को जागरूक करने की जरूरत है. इससे उनका समय के साथ धन हानि नहीं होगी. मध्यस्थता से हुआ समझौता दोनों पक्षों के लिए हितकर होता है. पूर्व में पंचायत की भूमिका यही थी, लेकिन आज पंचायत पर राजनीति का प्रभाव बढ़ गया है. इसलिए वहां विवाद का सुलह कराना हितकर नहीं माना जा रहा है.
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गांव-गांव तक संदेश पहुंचाना है लक्ष्य
सरायकेला-खरसावां के प्रधान जिला जज विजय कुमार ने कहा कि फोरम ने जो विषय चुना है यह अति महत्वपूर्ण है. इसका संदेश गांव-गांव तक जाएगा और वर्षों से न्यायालय में लड़ रहे लोगों को एक सबक मिलेगा. मध्यस्थता से धन हानि, मानसिक परेशानी से बचाव होगा. इस उद्देश्य से भारत में लोक अदालत का प्रचलन बढ़ा है. हमने ऐसे कई मामलों का निष्पादन किया है. गोष्ठी में सुवर्णरेखा परियोजना के मुख्य अभियंता अशोक कुमार दास, एसिया के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल, जिला बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अधिवक्ता ओम प्रकाश, इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय, नगर पर्षद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह, जिला बार एसोसिएशन के सचिव भीम सिंह कुदादा, अधिवक्ता केपी दुबे, सीआईआई के तापस साहू, वरिष्ट नागरिक संघ के अध्यक्ष रविन्द्र नाथ चौबे, एसिया महासचिव प्रवीण गुटगुटिया, केपी तिवारी, फुलकांत झा, अनामिका सरकार, जगदीश मंडल, अधिवक्ता एसके स्वाइन, सतीश सिंह, उपाध्यक्ष बीएन दीक्षित समेत सरायकेला और जमशेदपुर के 100 की संख्या में अधिवक्ता एवं वरिष्ठ नागरिक गोष्ठी में मौजूद थे.
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न्यायालय का बोझ कम करने के लिए आपसी समझौता ही समाधान
गोष्ठी का संचालन संजीव रमण ने किया. जबकि गोष्ठी की अध्यक्षता एवं स्वागत भाषण फोरम के अध्यक्ष एके श्रीवास्तव ने किया. उन्होंने कहा कि हमारा आज का विषय मुकदमेबाजी के पहले मध्यस्थता है. इस तरह का यह दूसरा आयोजन है. मुकदमेबाजी में काफी खर्च होता है, लोगों को परेशानी होती है. इन सभी बातों को ध्यान रखकर ही जमशेदपुर सिटीजन फोरम ने यह गोष्ठी आयोजित की है. यह आज का ज्वलंत विषय है. आज न्यायालय में केस बढ़ रहे हैं, उस पर बोझ बढ़ रहा है जिसे कम करने के लिए आपसी समझौता ही एक मात्र समाधान है.
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