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Ganwa (Giridih) : बरसात के दिनों में सर्पदंश या जहरीले कीड़े के काटने की घटनाएं अधिक होती हैं और समय पर उपचार नहीं होने के कारण पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है. डॉ हब्बीउल्लाह खान ने प्रखंड के आमजनों से अपील की है कि सर्पदंश या जहरीले कीड़े के काटने की घटना होने पर झाड़-फूंक से मरीज को ठीक कराने के चक्कर में न रहें. बल्कि मरीज को उपचार के लिए तत्काल निकटतम अस्पताल लाने का प्रयास करें. सांप के काटने पर झाड़-फूंक से नहीं बल्कि एंटी स्नैक वैनम इंजेक्शन से ही मरीज की जान बचायी जा सकती है. गावां सीएचसी में एंटी स्नैक वैनम के इंजेक्शन पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है. डॉ हब्बीउल्लाह खान ने लोगों से सांप के काटने पर ओझा-गुनियों के चक्कर में ना आने, झाड़-फूंक से दूर रहने और फौरन अस्पताल पहुंचने की अपील की है.
डॉ हब्बीउल्लाह खान ने बताया कि सांप के काटने पर करीब-करीब 95 प्रतिशत मामलों में पहला लक्षण नींद का आना है, इसके साथ ही निगलने या सांस लेने में तकलीफ होती है, आमतौर पर सांप काटने पर आधे घंटे बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं.
सांप के काटने पर क्या करें और क्या ना करें
डॉ हब्बीउल्लाह खान ने बताया कि सांप के काटने पर घाव के आसपास रस्सी न बांधें, ब्लेड से न काटें और पारम्परिक तरीकों का इस्तेमाल न करें और मुंह से खून न चूसें. सांप काटने पर व्यक्ति को दिलासा दें और घटना के तथ्यों का पता लगायें. गीले कपड़े से डंक की जगह की चमड़ी को साफ करें, जिससे वहां पर लगा विष निकल जाये. सांप काटे व्यक्ति को करवट सुलायें, क्योंकि कई बार उल्टी भी होने लगती है. जहां पर सांप ने काटा है उस स्थान पर हल्के कपडे़ से बांध दें, ताकि हिलना डुलना बंद हो जाए.
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