Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने मंत्री चंपई सोरेन के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें मंत्री चंपई सोरेन ने पीठासीन पदाधिकारी के रूप में लगभग तीन एकड़ भूमि के हस्तांतरण को गलत बताते हुए. ज़मीन खरीददार पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ हस्तांतरण को भी रद्द करने का आदेश पारित किया था. दरसल यह पूरा मामला रांची के बरियातू इलाके के बूंटी मौजा के खाता संख्या 79 प्लॉट संख्या 1947, 1948 और 1949 कुल 2.90 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है. इस जमीन पर दो लोगों के नाम पर जमाबंदी कायम है. इलाके के स्थानीय बताते हैं कि इस जमीन पर रातो रात बाउंड्री कर ली गई थी. इस जमीन पर कब्ज़ा करने में कुछ बड़े लोगों की भूमिका है जिसकी वजह से प्रशासन भी मौन है.
हाईकोर्ट ने फिरायालाल परिवार को राहत दी है
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए मंत्री के कोर्ट द्वारा पारित आदेश को पलटते हुए अपने अंतरिम आदेश में फिरायालाल परिवार को राहत दी है. इस मामले के शिकायतकर्ता संजय पाहन को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के पूर्व एफिडेविट के माध्यम से जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रशांत पल्लव के मुताबिक उन्होंने अदालत में अपनी दलील में कहा कि मंत्री के कोर्ट द्वारा पारित आदेश पूरी तरह गलत है. और यह मामला एसएआर के रूप में कई बार हाईकोर्ट की दहलीज पर भी पहुंचा था. इससे पहले भी एसएआर के दो वाद 1991 और 2002 में संजय पाहन के पिता सोमरा पाहन ने किये थे और दोनों ही मामलों में अदालत ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया है.जिसके बाद सोमरा पाहन और उनके रिश्तेदार के द्वारा दायर एलपीए को भी अदालत ने ख़ारिज कर दिया था.वहीं अदालत में दलील पेश करते हुए कहा गया कि मंत्री का कोर्ट हाईकोर्ट के अधीन है. और जब किसी मामले में हाईकोर्ट आदेश पारित कर चुका है तो मंत्री उस मामले में फैसला कैसे सुना सकते हैं.
मंत्री चंपई सोरेन की कोर्ट से दोनों पार्टियों को नोटिस भी जारी किया
बता दें कि फरवरी महीने में मंत्री चंपई सोरेन की कोर्ट से दोनों पार्टियों को नोटिस भी जारी किया गया था. लेकिन इसके बावजूद भू-माफियाओं ने जमीन पर बाउंड्री खड़ी कर ली वो भी रातों-रात. लगातार की टीम मौके पर पहुंची और वहां के आस-पास के लोगों से बात की. लोगों ने कहा कि बाउंड्री खड़ा करने का काम कौन कर रहा यह नहीं पता. लेकिन यह बाउंड्री रातों-रात खड़ी कर ली गयी. जमीन पर जब बाउंड्री की जा रही थी उस वक्त फिरायालाल परिवार के द्वारा रांची डीसी और एसएसपी को ट्विटर एवं मेल के माध्यम से शिकायत की गई थी. इसके बावजूद न तो उनकी शिकायत दर्ज की गई और ना ही बाउंड्री का कार्य रोका.