![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/WEB-BANNER-021.jpg)
नहीं छोड़े जा सके हैं अब तक मछली के स्पॉन, कर रहे पानी बरसने का इंतजार
Ravi Chourasia
Dhanbad : मानसून की कमजोरी व बारिश के अभाव ने किसानों को ही नहीं, मछलियों व उनके पालनकर्ताओं को भी संकट में डाल दिया है. मछलियां जल बिना तड़प रही हैं तो किसान सूखे खेत व तालाब देख लंबी सांस ले रहे हैं. इस वर्ष सामान्य से कम बारिश होने के कारण तालाब भी सूख गए हैं. अब मछली पालकों को सूझ नहीं रहा है कि करें क्या. जिले के सैकड़ों मछली पालक तालाब में अब तक मछली के स्पॉन नहीं छोड़ पाए हैं. शहरी व सुदूरवर्ती क्षेत्र के लगभग सभी तालाब सूखे पड़े हैं, जबकि एकाध तालाब में एक से डेढ़ फीट पानी रह गया है.
400 से अधिक तालाबों की बंदोबस्ती ही नहीं हुई
जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी व निजी तालाबों की संख्या लगभग 2000 है. इनमें 1198 तालाब मत्स्य विभाग के अधीन है. मत्स्य विभाग ने 40 तालाब निगम को सौंप दिये हैं. शेष तालाब ग्रामीणों के पास है. मत्स्य विभाग की ओर से प्रतिवर्ष लगभग 700 तालाबों की बंदोबस्ती कर मछली पालन किया जाता है. लेकिन सरकारी उदासीनता और कम बारिश की वजह से इस बार मछली पालन पर बहुत बड़ा संकट मंडरा रहा है. सूत्रों के अनुसार मत्स्य विभाग के अधीन के लगभग 400 से अधिक तालाबों की बंदोबस्ती अब तक नहीं हुई है. बंदोबस्ती वाले तालाबों में भी पानी की कमी के कारण स्पॉन नहीं छोड़ा गया है. स्थिति को देखते हुए मत्स्य पालक अब भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.
सामान्य से भी कम बारिश से निराशा
जानकारी के अनुसार धनबाद में अब तक 119.4 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 68% कम है. फिलहाल धनबाद में 374.9 मिलीमीटर बारिश हो जानी चाहिए थी. लेकिन वैसा नहीं हुआ, फलस्वरूप धनरोपनी के साथ मछली पालन पर भी लगाम लगी है. हल्की बारिश के बाद इक्का-दुक्का तालाब में ही स्पॉन छोड़ने तैयारी हो रही है.
3600 वर्ग फीट का तालाब आ गया 700 पर
बलियापुर के मछली पालक सुखदेव मंडल का कहना है कि वह पिछले 25 वर्षों से निजी तालाब में मछली पालन करते आ रहे हैं. लेकिन इस वर्ष स्थिति काफी दयनीय है. 3600 वर्ग फीट पर फैला तालाब सिकुड़ कर 700 वर्ग फीट पर आ गया है. ऐसे में मछली का जीरा डालना संभव नहीं है. फिलहाल बारिश का इंतजार कर रहे हैं.
बारिश के अभाव में मत्स्य विभाग भी लाचार
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/mujahid-fish-1-300x200.jpg)
जिला मत्स्य पदाधिकारी मुजाहिद अंसारी का कहना है कि जुलाई में पानी से लबालब भरे रहने वाले तालाबों की स्थिति काफी खराब है. तालाब सूखे पड़े हैं. इस कारण मत्स्य विभाग मछली के स्पॉन नहीं छोड़ पा रहा है. उनका कहना है कि अगर एक माह तक बारिश नहीं होती है तो मत्स्य पालकों व विभाग के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी. अगर देर से भी बारिश होती है तो कमी को पूरा किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग के अधीन वाले तालाबों की बंदोबस्ती की जाती है, परंतु इस वर्ष अब तक विभाग की ओर से रेंट फिक्सेशन का कार्य नहीं हो सका है. इसीलिए लगभग 400 तालाबों की बंदोबस्ती रुकी हुई है.
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/neta.jpg)
Leave a Reply