New Delhi : पिछले नौ वर्षों में मोदी सरकार के कार्यकाल में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 160.17 प्रतिशत बढ़कर 1661428 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. वर्ष 2013-14 में यह राशि 638596 करोड़ रुपये रही थी. वित्त मंत्रालय ने 164वें आयकर दिवस के मौके पर इस संबंध में कई ट्विट कर यह जानकारी दी है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
As we celebrate the 164th Income Tax Day today, let us take a trip down memory lane to look at the journey of Income Tax in India.
Origin of Income Tax in India 👇#IncomeTaxDay #KnowYourIncomeTaxDepartment pic.twitter.com/5aZoDjJV0M
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) July 24, 2023
राजस्व संग्रह में आयी तेजी के कारण संग्रह लागत में कमी आयी
ट्विट में कहा गया है कि राजस्व संग्रह में आयी तेजी के कारण संग्रह लागत में भी कमी आयी है. सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2013-14 में 721604 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 172.83 प्रतिशत बढ़कर 1968780 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा. मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 में प्रत्यक्ष कर जीडीपी अनुपात 5.62 प्रतिशत था. यह वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 5.97 प्रतिशत पर पहुंच गया. साथ ही वित्त वर्ष 2013-14 में संग्रह लागत 0.57 प्रतिशत थी और यह वित्त वर्ष 2022-23 में घटकर 0.53 प्रतिशत पर आ गयी.
मंत्रालय के अनुसार करदाताओं की सुविधा के लिए वर्ष 2020 में फेसलेस अस्सेमेंट की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. कहा गया कि इसका परिणाम बेहतर रहा है. अब तक फेसलेस प्रक्रिया के तहत 4.5 लाख अस्सेमेंट आर्डर पारित किये जा चुके हैं. बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा शुरू कर दी गयी है.