- विभागों की समीक्षा में जुटे रहे सीएम हेमंत सोरेन भाजपा पर हमलावर रहे महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, बाबूलाल मरांडी निशाने पर रहे
- भाजपा पर निशाना साधते रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, आलमगीर आलम ने मणिपुर, यूसीसी पर केंद्र सरकार को घेरा
- बाबूलाल बने प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया, विपक्षी गंठबंधन, रांची में हत्या सहित कई मुद्दों पर रघुवर दास ने हेमंत सरकार को आड़े हाथों लिया
- झामुमो : हेमंत और सुप्रियो खूब चर्चा में रहे
Satya Saran Mishra
Ranchi : जुलाई महीने में झामुमो विपक्षी एकता को मजबूत करने की दिशा में काम करता दिखा. झामुमो भी विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए का हिस्सा बना. झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रदेश के सीएम हेमंत सोरेन ने सरकार के सभी विभागों के कामकाज की समीक्षा की. प्रधानमंत्री आवासों का आवंटन केंद्र से नहीं मिलने पर नाराजगी जतायी. कहा कि राज्यों के विकास के लिए संघीय ढांचा का मजबूत होने जरूरी है. उधर झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य महीने भर राजभवन और भाजपा पर हमलावर रहे. उनके निशाने पर मुख्य रूप से प्रदेश के नए अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी थे.
प्रधानमंत्री आवासों का आवंटन नहीं मिलने पर हेमंत ने जतायी नाराजगी
28 जुलाई : क्लाइमेट चेंज को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों में भागीदारी का संदेश नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है. अगर सभी लोग घरों में किसी भी उत्सव पर एक पेड़ लगाएं तो बड़ा बदलाव आएगा.
28 जुलाई : सभी जिलों के पर्यटन स्थलों के विकास और स्टेडियम निर्माण का काम जल्द पूरा किया जाए. रांची डीसी गेतलसूद में चिन्हित भूमि पर रिसोर्ट निर्माण की प्रक्रिया जल्द पूरी करें. राज्य में धार्मिक और इको टूरिज्म पर ज्यादा ध्यान दिया जाए.
27 जुलाई : पैसे के अभाव में किसी भी बच्चे-बच्ची की पढ़ाई बाधित नहीं होगी. इसका सरकार ने संकल्प ले रखा है. बच्चों की पढ़ाई से लेकर उसके करियर निर्माण तक के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. युवक-युवतियों को कौशल विकास का भी नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
24 जुलाई : कृषि और पशुपालन के रास्ते ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. जब तक किसान और पशुपालक सशक्त नहीं बनेंगे, राज्य विकास के रास्ते पर तेजी से आगे नहीं बढेगा. विभाग राज्य में किसान पाठशाला को एक विद्यालय की तरह स्थापित करे.
22 जुलाई : कुशल युवाओं का झारखंड बनाने का हमारा संकल्प है. इस कड़ी में साक्षर, निरक्षर, कम पढ़े लिखे और उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के स्किल को निखारने के लिए सरकार काम कर रही है. मेरा मानना है कि आज शिक्षा के साथ-साथ हुनरमंद होना किसी मास्टर डिग्री से कम नहीं है.
22 जुलाई : मणिपुर और देश के सामने संकट की इस घड़ी में हम राष्ट्रपति को आशा और प्रेरणा के अंतिम स्रोत के रूप में देखते हैं, जो इस कठिन समय में मणिपुर के लोगों को रोशनी दिखा सकती हैं. इस विकट परिस्थिति में आगे का रास्ता दिखाने, न्याय सुनिश्चित करने और मणिपुर की शांति एवं सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति कदम उठायें.
21 जुलाई : प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित राज्य के 8 लाख लाभुकों का आवंटन केंद्र से नहीं आना चिंता का विषय है. विभागीय मंत्री आलमगीर आलम दिल्ली जाकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से मुलाकात कर मामले को रखें और केंद्र से आवंटन की दिशा में फैसला लेने का आग्रह करें.
21 जुलाई : पुलिस पदाधिकारी अगले 15 दिन में राज्य में विधि-व्यवस्था में सुधार लायें. पुलिस अपनी कार्यशैली में सुधार करते हुए अपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाए, अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो संबंधित पुलिस अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे.
20 जुलाई : स्वास्थ्य विभाग सभी प्रमंडल के जिला अस्पतालों में अत्याधुनिक सुविधाओं और जांच उपकरणों से युक्त 24×7 हेल्थ केयर सर्विस शुरू करे. आयुष्मान भारत के मरीजों का अस्पतालों में बेहतर इलाज सुनिश्चित हो इसलिए अस्पतालों के लंबित राशि का भुगतान भी जल्द हो.
19 जुलाई : स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन के साथ खेलों पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है. प्रवासी मजदूरों के हितों को लेकर भी सरकार गंभीर है. महाराष्ट्र में झारखंड के मजदूरों के लिए सेंटर खुलेगा और वहां अधिकारी भी प्रतिनियुक्त होंगे.
15 जुलाई : राज्य में कई केंद्रीय कंपनियां खनन का काम कर रही है. जब उस क्षेत्र में माइनिंग खत्म हो जाएगा तब वहां के विकास के लिए कोई ब्लू प्रिंट इनके पास नहीं है. जब माइनिंग के स्रोत समाप्त होंगे तब परिस्थितियां कितनी भयावह होंगी इसका आकलन अभी से ही करना जरूरी है.
14 जुलाई : शिक्षा विभाग बच्चों को पठन-पाठन सामग्री, यूनिफॉर्म और छात्रवृत्ति वितरित करने का भी कैलेंडर बनाए. स्कूलों में पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधियों का भी नियमित आयोजन हो. कुछ स्कूलों में बच्चों को कृषि और बागवानी भी सिखाई जानी चाहिए.
13 जुलाई : मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत दिए जाने वाले हर पशु का अब इंश्योरेंस होगा. गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 15 लाख रुपए तक का एजुकेशन लोन भी न्यूनतम ब्याज पर विद्यार्थियों को मिलेगा.
12 जुलाई : संघीय ढांचे की मजबूती के लिए जरूरी है कि केंद्र और राज्यों का सर्वांगीण विकास हो. केंद्र और राज्य सरकारें एक दूसरे को सहयोग करें तभी विकास के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं उसे हासिल कर सकें.
10 जुलाई : हम जनप्रतिनिधि चुनाव जीतकर आते हैं, सरकार बनाते हैं, लेकिन कुछ व्यवस्थाएं स्थायी तौर पर कार्य करती हैं. इन स्थायी व्यवस्थाओं एवं संस्थाओं को राज्य में किसकी सरकार है इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि व्यवस्थाएं निरंतर ठीक से चलती रहे इस पर चिंतन करने की आवश्यकता है.
5 जुलाई : रांची में रिम्स कार्यरत है. उसे ध्यान में रखते हुए एक और नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना रांची में की जाएगी. जहां विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा. केंद्र सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र में सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बेहतर समन्वय बनाकर राज्य सरकार को जिम्मेवारी देनी चाहिए.
विकासशील सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है : सुप्रियो
28 जुलाई : पूर्व राज्यपाल रमेश बैस तो सीधे तौर पर भाजपा के इशारे पर काम कर रह थे, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी भाजपा के एजेंडे को फुलफिल करने यहां आए हैं. राजभवन में कार्यरत अफसरों को भी अपने कर्त्तव्यों का बोध नहीं है. क्या राज्य की विकासशील सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. अगर ऐसा है तो झामुमो किसी से डरने वाला नहीं है.
25 जुलाई : राज्यपाल की बातें परेशान करने वाली हैं. बांग्लादेशी घुसपैठ पर राज्यपाल ने किसी नेता की बातों को कैसे आधार मान लिया. मैं बताना चाहता हूं कि झारखंड की कोई भी सीमा बांग्लादेश के साथ नहीं जुड़ी हुई है. भले ही पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और ओड़िशा के साथ जुड़ा हुआ है, लेकिन बांग्लादेश के साथ तो बिल्कुल भी नहीं.
21 जुलाई : मणिपुर की घटना से पूरा देश शर्मसार है. भाजपा प्रायोजित सरकार की तरफ से वहां के आदिवासियों पर अत्याचार हो रहा है. अविलंब मणिपुर की सरकार को बर्खास्त करना चाहिए. झामुमो वहां के मुख्यमंत्री के खिलाफ केस दर्ज करने की भी मांग करता है.
15 जुलाई : भाजपा ने एक ऐसे नेता के हाथों में पार्टी का कमान सौंपा है, जो 2019 के बाद विधायक दल का नेता तक नहीं बन पाया. ये भाजपा का दिवालियापन है. बाबूलाल कहें तो मोरहाबादी में कुतुबमीनार बनवा देंगे. भाजपा कार्यालय के चारों तरफ नेट लगवा देंगे. कहीं बाबूलाल मरांडी छत पर चढ़ कर कूद न जाएं.
12 जुलाई : ईडी का मतलब प्रवर्तन निदेशालय नही रह गया है, बल्कि अब इसका मतलब एंड ऑफ डेमोक्रेसी हो गया है. ये एजेंसी सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. झारखंड में जैसे ही सरकार ने काम शुरू कर दिया, वैसे ही इन एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया. सिर्फ एजेंसी नहीं बल्कि राज्यपाल ने खुद सरकार के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया था.
कांग्रेस : ठाकुर, आलमगीर ने साधा निशाना
जुलाई महीने में प्रदेश कांग्रेस राहुल गांधी की संसद सद्स्यता, यूसीसी समेत कई मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमलावर रही. प्रदेश में भाजपा के बड़े नेता बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास भी कांग्रेस नेताओं के निशाने पर रहे. इसी बीच पिछले साल कांग्रेस से निलंबित किये गये कैश कांड के आरोपी तीनों विधायकों का निलंबन भी पार्टी ने कर दिया. पूरे महीने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भाजपा पर निशाना साधते रहे. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम मणिपुर घटना और यूसीसी को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार को घेरा.
कैश कांड के तीनों आरोपी विधायकों का निलंबन वापस लिया
31 जुलाई : राज्य की 22 वर्षों की यात्रा में अधिकांश समय भाजपा ही सत्ता में रही है, लेकिन ज्वलंत मुद्दों को लेकर कभी संजिदा नहीं रही. पिछले साल सुखाड़ को लेकर सभी प्रभावित किसानों को कुछ तकनीकी कारणों से राहत नहीं मिली है. पार्टी ने कृषि मंत्री को निर्देश दिया है कि सारी अड़चनों को दूर कर किसानों को सूखा राहत का लाभ दिलाएं.
29 जुलाई : शासन-प्रशासन की बातें रघुवर दास के मुंह से शोभा नहीं देती है. उनके कार्यकाल में क्या-क्या हुआ हैं जनता सब जानती है. उनके मंत्री उन पर आरोप लगाते थे, उसी मंत्री से मुख्यमंत्री रहते रघुवर दास हारे थे.
28 जुलाई : हम भी सरकार में शामिल हैं. जनता हमसे भी कई उम्मीदें रखती हैं और जनता की सुरक्षा पर हमारा भी दायित्व बनता है. आज राज्य में जो स्थिति बनी है वह काफी निंदनीय है. जनता की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित होनी चाहिए. हम मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बातें उन तक पहुंचाएंगे.
28 जुलाई : हमने तीन विधायकों इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप के निलंबन का मुद्दा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने उठाया था. उन्होंने तीनों का निलंबन वापस लिए जाने पर सहमति जताई थी. पार्टी के झारखंड प्रभारी के अविनाश पांडे ने निलंबन हटाने को लेकर निर्देश दिए और आज इसे लागू कर दिया गया.
27 जुलाई : भाजपा के कार्यकर्ता एक बार फिर से मायूस होंगे. दूसरे दल से आए हुए दलबदलू नेता को विपक्ष का नेता बनाने का काम करने वाली है. भाजपा अब नेता प्रतिपक्ष वैसे नेता को बनाने जा रही है, जिनका भाजपा से दूर-दूर तक नाता नहीं रहा है. यहां तक कि वह पहले कभी बीजेपी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं रहे हैं.
10 जुलाई : देश में जिस तरह का सांप्रदायिक माहौल चल रहा है उसमें बच्चों को इतिहास के बारे में सही और गलत की जानकारी देना बेहद जरूरी है. भाजपा के द्वारा बच्चों के दिमाग में सांप्रदायिक जहर घोला जा रहा है, जबकि हमारे नेता राहुल गांधी नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने की कोशिश कर रहे हैं.
8 जुलाई : बाबूलाल मरांडी झारखंड भाजपा के अध्यक्ष क्या बने बौरा गये हैं. वह भूल गये कि अपने टिकट के लिए राहुल गंधी के पास भीख मांगने गये थे और भीख मिली भी थी. अपने ट्विटर हैंडलर को बदलिए वरना आपकी लुटिया डूबनी तय है. याद है न भाजपा में जाने से अच्छा कुतुबमीनार से कूदने वाली बात.
मणिपुर में फैली अशांति समाप्त करने में केंद्र विफल : आलमगीर
31 जुलाई : विधानसभा से पारित तीनों महत्वपूर्ण विधेयकों को राजभवन से लौटाने में तय नियमों का पालन नहीं किया गया है. ऐसे में जबतक विधानसभा सचिवालय के पास राजभवन से लौटाए गए विधेयक उनके संदेश के साथ नहीं पहुंच जाते तब तक विधानसभा की पटल पर दोबारा विधेयक पेश नहीं किया जा सकता. राज्यपाल अपने संदेश के साथ विधेयक को विधानसभा को लौटाएं, इसको लेकर झारखंड सरकार द्वारा कार्मिक विभाग की ओर से एक पत्र भी राजभवन भेजा गया है.
21 जुलाई : मणिपुर में फैली अशांति को शांत कराने में केंद्र व राज्य सरकार विफल रही है. मणिपुर में फैली अशांति को शांत कराने के लिए केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए और लोगों के साथ वार्ता कर शांति स्थापित करनी चाहिए थी, लेकिन केंद्र ने ऐसा नहीं किया और वहां आज भी लोग दहशत में हैं.
20 जुलाई : ग्रामीण इलाकों में खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से खेल मैदान का विकास किया जाना है ताकि गांव की प्रतिभा निखर कर राज्य स्तर पर आये और आगे बढ़े. इसके लिए सरकार गंभीर है.
17 जुलाई : देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का जो प्रस्ताव लाया जा रहा है वह केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा का एक चुनावी शगूफा है, जो आने वाले समय में ढाक के तीन पात साबित होंगे. जब चुनाव आता है तो भाजपा इस तरह की नई-नई चीजें जनता के सामने लाती है. जब तक पूरा ड्राफ्ट नहीं आ जाता, तब तक इस मुद्दे पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
10 जुलाई : लोकतंत्र में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की अहम भूमिका है, जो अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करती है, लेकिन इसमें यदि समन्वय नहीं हो तो टकराव की स्थिति बन जाती है.
7 जुलाई : मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा बहाल रखने के हाईकोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन यह सच है कि भाजपा इशारों-इशारों में बहुत सारा काम करवा लेती है. लोअर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखने से कांग्रेस के लोगों में निराशा हैं और यह उम्मीद भी है कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा.
3 जुलाई : जब चुनाव आता है तो भाजपा वाले नए-नए हथकंडे अपनाते हैं. अभी लोकसभा और अपर हाउस में यूसीसी को लेकर प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है. हमारी राष्ट्रीय नेतृत्व इस पर नजर रखे हुए है. यह एक सेक्यूलर देश है, इस देश में बहुत समय से लोकतंत्र बहाल है. विदेशों में भी जब हमारे नेता जाते हैं तो वहां भारत के लोकतंत्र के बारे में बहुत अच्छी बातें बोली जाती हैं. भाजपा नए-नए मुद्दे लाकर यहां की भोलीभाली जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है.
भाजपा : बाबूलाल-रघुवर सरकार पर हमलावर रहे
प्रदेश भाजपा में जुलाई महीने में कई बदलाव देखने को मिले. दीपक प्रकाश की जगह बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. पद संभालते ही बाबूलाल ने बिखरे संगठन को समेटने का काम शुरू किया है. 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति में कई बदलाव भी उन्होंने किए. सांगठनिक बैठकों में कार्यकर्ताओं में जोश भरा. इस दौरान सोशल मीडिया पर भी वे हेमंत सरकार पर हमलावर रहे. उधर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास भी पूरे महीने लगातार हेमंत सरकार पर हमला करते रहे. विपक्षी दलों के गठबंधन, पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज और रांची में सुभाष मुंडा हत्याकांड समेत कई मुद्दों को लेकर वे सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहे. पढ़िए जुलाई में बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास ने कब-कब, क्या-क्या कहा…
दीपक की जगह आए बाबूलाल ने पद संभालते ही संगठन में कई बदलाव किए
31 जुलाई : यह देखकर अच्छा लगा कि हेमंत सोरेन ने मणिपुर की चिंता की और अपनी सांसद महुवा माजी को वहां भेजा. लेकिन उन्हें पहले अपने गिरेबां में झांकना होगा. संथाल परगना में आदिवासियों की क्या दुर्गति हो रही है, उसपर कभी सुधि ली उन्होंने.
30 जुलाई : मुख्यमंत्री ने पुलिस को वसूली और राजनीतिक विरोधियों को फंसाने के टूल की तरह इस्तेमाल करने की बजाय अगर कानून व्यवस्था सुधारने में लगाया होता तो राज्य की स्थिति इतनी भयावह नहीं होती.
29 जुलाई : कानून व्यवस्था राज्य के मंत्रियों के बयान सुनिए. कहते हैं घटना – दुर्घटना तो होती ही रहती है. गलत सवाल मत पूछिए. इनको झारखंड की जनता अगले चुनाव में बाहर का रास्ता दिखायेगी.
28 जुलाई : सोरेन राज परिवार के एक्सिडेंटल राजकुमार सबकी चिंता करते हैं, सिवाय झारखंड को छोड़कर. मध्य प्रदेश के पेशाब कांड की चिंता है, मणिपुर के नरसंहार की चिंता है, ओडिशा के आदिवासियों की चिंता है, लेकिन झारखंड की चिंता नहीं है.
27 जुलाई : जब राजधानी की पुलिस व्यवस्था और ट्रांसफर-पोस्टिंग का धंधा “इंटू-चिंटू” जैसे अयोग्य और अज्ञानी लोगों के डायरेक्क्शन पर चलेगा, उग्रवादियों की तरह सत्ताधारी लोग असामाजिक तत्वों, अपराधियों से “लेवी-चंदा” लेंगे तो अपराध आखिर कैसे रूकेगा.
26 जुलाई : राज्यपाल ने घुसपैठियों को लेकर अभी केवल सरकार से सवाल – जवाब ही किया है कि घुसपैठियों के मददगार सत्ताधारी बिलबिला रहे हैं. उन्हें इससे बहुत पीड़ा है. वे बहुत क्रुद्ध हैं. मन में कई तरीके की आशंका बन रही है. धड़कन बढ़ गई है.
25 जुलाई : रांची के एसएसपी सड़क पर घूम रहे हैं और अपराधी थाने संभाल रहे हैं. श्रीमान एसएसपी आपकी मजबूरी क्या है. आदिवासियों से घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गये चार्जशीटेड अपराधी को थानेदार बनाए रखने की?
24 जुलाई : झामुमो की ट्रोल आर्मी हांफ रही है. बेचारे थक गए हैं. निराश हो गए हैं. हताश हो गए हैं. कुछ सूझ नहीं रहा इन्हें. आगे कुआं- पीछे खाई दिख रही है इन्हें. आत्मविश्वास हिल गया है. कुछ समय में ही ये भग्नावशेष हो जाएंगे.
23 जुलाई : झारखंड कांग्रेस के एक अबोध विधायक ने भाजपा के लिए बहुत बुरा भला कहा है. वे बहुत निश्छल व्यक्ति हैं. बालसुलभ स्वभाव है उनका. दामन में लगे दाग धोने की चिंता और मंत्री नहीं बन पाने के कारण कुंठित हो चुके हैं.
22 जुलाई : कोल स्कैम में छत्तीसगढ़ में एक और विकेट गिरा है. हमारे झारखंड में भी अगर ईडी कोयला लूट की जांच पड़ताल करेगी, तो साहब से लेकर और कई अफसर भी होटवार जेल जाएंगे.
21 जुलाई : बहरूपिए कैसे होते हैं, किसी को देखना हो तो हेमंत सोरेन को देखे. पुलिस को पूरी तरह से विकलांग बनाने वाले हेमंत सोरेन से मेरा सीधा सवाल है. साहेबगंज का माफिया और आपका सिपहसालार दाहू यादव कहां है?
20 जुलाई : हेमंत सरकार के लिए डूब मरने की स्थिति हो गई है. अब हाईकोर्ट ने भी कह दिया है कि रांची में बिल्डर और माफिया जमीन कब्जा कर बेच रहे हैं. ये हाल सिर्फ राजधानी की ही नहीं देवघर, गिरिडीह जैसे कई अन्य शहरों में भी यह गोरखधंधा चल रहा है.
19 जुलाई : पटना की बैठक के बाद ‘आप’ नाराज. बेंगलुरु की बैठक के बाद नीतीश नाराज. ये गठबंधन है या पप्पू की शादी. हर फेरों के बाद एक फूफा नाराज हो जाता है.
18 जुलाई : बेंगलुरु में परिवार बचाओ मोर्चा की अहम बैठक होने वाली है. अपने-अपने परिवार की सल्तनत बचाने के लिए बड़े घरानों के बेटे-बेटियां इसमें शिरकत करेंगे. ये सारे के सारे खानदानी जनता द्वारा नकार दिए गए हैं.
14 जुलाई : बिहार में निहत्थे भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिसिया बर्बरता की गई. कुछ महीने पहले झारखंड में भी इसी तरह का सरकारी दमन देखने को मिला था. दोनों राज्यों की क्रूर – तानाशाह और महाभ्रष्ट सरकार का अंत भाजपा ही करेगी. इसे नोट किया जाए.
11 जुलाई : संथाल परगना में संताल-पहाड़िया आदिवासियों की पहचान पर गहरा संकट मंडरा रहा है. बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी बेटियों से विवाह कर उनका धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, फिर सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें आदिवासी बनाकर ले रहे हैं. यह सिलसिला अब तो चुनाव लड़ने तक जा पहुंचा है.
8 जुलाई : मालिक के इशारे पर हल्ला-हंगामा करने वाले फर्जी आदिवासियों को जनता पहचानती है. जमीन दलाल कब से आदिवासियों के हितैषी हो गए.
7 जुलाई : झारखंड में दिल्ली से बड़ा शराब घोटाला हुआ है. यहां भी दिल्ली की तरह बार-बार शराब नीति बदली गई है. लोग आज भी एमआरपी से ज्यादा पर शराब बेचे जाने की शिकायत करते हैं. लोगों को मनपसंद ब्रांड नहीं मिलता.
6 जुलाई : खबरों में देखने को मिला था एसीबी में पकड़े गये एक घूसखोर दारोगा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. फिर इस घूसखोर दारोगा मीरा सिंह पर विशेष मेहरबानी क्यों? इस की जांच होगी तो जांच की आंच मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द ही पंहुचेगी.
5 जुलाई : झारखंड में झामुमो का सफाया होने जा रहा है.कांग्रेस वैसे ही लंगड़ी पार्टी बन गई है. राज्य में लूटतंत्र स्थापित करने वालों में खलबली मची है. दम निकलने से पहले की फड़फड़ाहट देखी जा सकती है.
4 जुलाई : हेमंत सोरेन ने शिक्षा विभाग अपने पास रखा है. बहुत प्रसन्नता हुई जानकर. प्रदेश के अन्य विभागों में जो लूट-खसोट मची थी, उससे कुछ बचा रहा गया था शिक्षा विभाग. झारखंड निर्माण के बाद सबसे सुरक्षित हाथों में शिक्षा विभाग पहुंचा है. हेमंत अपनी अद्वितीय प्रतिभा का जलवा यहां भी दिखाएंगे.
3 जुलाई : मुख्यमंत्री बताएं भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिये दिल्ली के भारी भरकम वकीलों से पैरवी कराने का पैसा किसके कोष से जा रहा है.
मुख्यमंत्री वंशवादी दलों के साथ बैठक और डिनर में व्यस्त हैं, कैसे चलेगा : रघुवर
31 जुलाई : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से काम होता नहीं है. सिर्फ झूठ बोलना और युवाओं को बरगलाना इनकी विशेषता है.
29 जुलाई : हेमंत राज में झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति चौपट हो गयी है. इस सरकार को संगठित गिरोह चला रहे हैं. युवा नेता हो या डीएसपी सभी पर हमले हो रहे हैं. अपराधी वसूली कर रहे हैं और सरकार चुप है.
27 जुलाई : हेमंत राज में झारखंड हर दिन शर्मसार हो रहा है. गिरिडीह में एक महिला के साथ हैवानियत की घटना हुई है. यह भी मणिपुर में घटी शर्मनाक घटना से कम घटना नहीं है. झारखंड की नारी शक्ति इस निकम्मी सरकार को सबक सिखाएगी.
27 जुलाई : इस निकम्मी सरकार में कुछ भी सही नहीं चल रहा है। यह अक्षम सरकार सिर्फ झूठ, लूट और ट्रांसफर पोस्टिंग उद्योग में व्यस्त है और राज्य की कानून व्यवस्था भगवान भरोसे है.
25 जुलाई : यह सारे विपक्षी दल खुद को इंडिया बुला लें, लेकिन इसमें इंडिया का भला नहीं सिर्फ अपने राजनैतिक भले की मंशा छुपी है.
24 जुलाई : छत्तीसगढ़ का गोबर घोटाला, बिहार के चारा घोटाले से भी बड़ा है. कांग्रेस की सरकार चाहे केंद्र में रही हो या किसी राज्य में, वहां बड़े घोटालों और भ्रष्टाचार होना आम बात बन जाती है.
23 जुलाई : हेमंत राज में हर तरफ लूटपाट हो रही है. सरकार कोयला, पत्थर, बालू की लूट में व्यस्त है, तो अपराधी लोगों को लूटने में. शासन का इकबाल समाप्त हो चुका है.
22 जुलाई : मणिपुर की घटना पर हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है, लेकिन झारखंड की बेटियों की चित्कार उन्हें सुनाई क्यों नहीं देती है. ऐसे गंभीर और संजीदा मुद्दे पर राजनीति करने से पहले उन्हें शर्म करना चाहिए.
22 जुलाई : मणिपुर में देश की बेटी के साथ जो शर्मनाक घटना हुई, उस पर कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने हंगामा किया. पश्चिम बंगाल के मालदा में भी एक महिला के साथ ऐसी ही शर्मनाक वारदात हुई. इस पर कांग्रेस, टीएमसी समेत अन्य विपक्षी दलों की चुप्पी क्यों? क्या वह देश की बेटी नहीं है?
20 जुलाई : हेमंत सरकार में लोहरदगा में रामनवमी के जुलूस पर मस्जिद से पथराव, सीएए के समर्थन में निकाले गए जुलूस पर हमला, जैसी कई घटनाएं हुईं. दंगाइयों पर कार्रवाई तो दूर उल्टे हेमंत सरकार ने लोहरदगा मामले में सच सामने लानेवाले अधिकारियों को प्रताड़ित किया.
19 जुलाई : भाजपा और विपक्षी दलों के बीच लड़ाई बिलकुल स्पष्ट है. यह राष्ट्र भक्ति बनाम परिवार भक्ति के बीच लड़ाई है. यह विकास बनाम विनाश की लड़ाई है.
27 जुलाई : मुख्यमंत्री वंशवादी दलों के साथ बैठक और डिनर में व्यस्त हैं, इधर झारखंड में कानून व्यवस्था अस्त व्यस्त है. डीएसपी-दरोगा पर अपराधी गोली चला रहे हैं. राजधानी में नाबालिकों के साथ बलात्कार हो रहा है. हेमंत सोरेन को झारखंड और झारखंडवासियों की कोई चिंता नहीं है.
16 जुलाई : हेमंत राज में बलात्कारियों का मनोबल बढ़ा हुआ. हेमंत सरकार के कुशासन और अक्षमता के कारण आज झारखंड देश का रेप कैपिटल बनता जा रहा है. हेमंत सरकार ने राज्य को शर्मनाक स्थिति में पहुंचा दिया है.
15 जुलाई : जनहित के मुद्दे पर 13 जुलाई को पटना में बिहार भाजपा द्वारा निकाले गये शांतिपूर्ण मार्च पर नीतीश और तेजस्वी यादव की सरकार ने जो बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया है वह राज्य प्रायोजित हिंसा है.
14 जुलाई : सत्ता में आने के साथ ही हेमंत सोरेन ने फंड का रोना शुरू कर दिया था, लेकिन जब अपने शौक पूरे करने थे तो एक के बाद एक महंगी गाड़ियां खरीदीं. बस जनहित के मुद्दों के लिए उनके पास फंड नहीं है.
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