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Chaibasa: नक्सली और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के दो जवान शहीद हो गए हैं. यह मुठभेड़ जिले के अति नक्सल प्रभावित टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका जंगल में हुई है. जहां सोमवार की देर रात हुई मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के 2012 बैच के सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार शहीद हो गए हैं. इसके पहले भी बीते 11 अगस्त को जिले के टोंटो थाना क्षेत्र में नक्सली और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान सुशांत कुमार खुंटिया शहीद हो गए थे, जबकि दूसरा जवान मुन्ना कुमार गंभीर रूप से घायल हुए थे.
सुरक्षा बल की मुठभेड़ मिसिर बेसरा के दस्ते के साथ हुई है मुठभेड़
सुरक्षा बल की मुठभेड़ एक करोड़ इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ते के साथ हुई है. नक्सलियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन और झारखंड पुलिस की ओर से झारखंड जगुआर की टीम शामिल थी दोनों तरफ से कई राउंड गोलियां चली और मिसिर बेसरा अपने दस्ते के साथ पीछे हटने को मजबूर हो गया.
नक्सली मिसिर बेसरा के करीब पहुंच गई है सुरक्षाबल
सुरक्षा बल लगातार इन इलाकों में अभियान चला रहे हैं. जंगल के इलाकों में लैंड माइंस और कई स्पाइक छिपी है.जिससे नक्सली सुरक्षा बलों का रास्ता रोकने की कोशिश करते हैं. जिले के टोंटो थाना क्षेत्र इलाके में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. पांच साल में पहली बार सुरक्षा बल भाकपा माओवादी नक्सली संगठन सेंट्रल कमेटी और एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के करीब पहुंच गयी है.इस दौरान मिसिर बेसरा के बेस कैंप को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया. बंकर 25 गुणा 50 के आकार में था और यही से एक करोड़ का ईनामी नक्सली मिसिर बेसरा ऑपरेट कर रहा था.
यह नक्सलियों का पहला मुख्यालय, इसी इलाके में लगे हैं सबसे ज्यादा बम
टोंटो थाना क्षेत्र का तुम्बाहाका इलाका सबसे संवेदनशील है. यह नक्सलियों का पहला मुख्यालय था. गोइलकेरा थाना क्षेत्र के छोटा कुइदा-मरादिरी रोडपर सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने आईईडी लगा रखा हैं.पांच महीने में यहां से 135 आईईडी बरामद हो चुके हैं. ये 20-20 किलो तक वजनी थे. इन आईईडी की चपेट में आकर कई ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है.
एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा सहित बड़े नक्सली अभी पकड़ से बाहर
पुलिस का मानना है कि कोल्हान के जंगल में ही शीर्ष नक्सली नेता छिपे हुए हैं. इनमें मिसिर बेसरा, अनमोल, मोचू, चमन, कंडे, अजय महतो, सागेन अंगरिया और अश्विन आदि शामिल हैं.इनका पूरा दस्ता इसी जंगल में सक्रिय है. इनकी गिरफ्तारी के लिए 11 जनवरी से ही सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर और जिला पुलिस संयुक्त अभियान चला रहे हैं. लेकिन कोई भी शीर्ष नेता गिरफ्त में नहीं आया है.
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