- विवादित भूमि के म्यूटेशन पर डीसी ने लगायी रोक
Sunil Kumar
Latehar : सदर अंचल के जगलदगा मौजा के खाता नं 27 के भू-भाग की दो डीड के निबंधन के बाद म्यूटेशन पर लातेहार उपायुक्त (डीसी) हिमांशु मोहन ने तत्काल रोक लगा दी है. डीसी ने शुभम संदेश में छपी खबर पर संज्ञान लिया है. उन्होंने सदर सीओ रुद्र प्रताप को आदेश जारी कर मामले की जांच करने व म्यूटेशन करने पर रोक लगाने का आदेश दिया है.
मालूम हो गत 17 फरवरी 2023 से ही भूमि की रजिस्ट्री का प्रयास क्रेताओं-विक्रेताओं द्वारा लगातार हो रहा था, लेकिन तत्कालीन डीसी भोर सिंह ने शिकायतों की जांच करायी थी. जांच में पाया गया कि जमीन सीएस खतियान में सरकारी जमीन है. सर्वे के दौरान मिलीभगत से कुछ लोगों ने अपने नाम खाता खुलवा लिया था.
उपायुक्त के तबादले के बाद हुआ निबंधन
शिकायत मिलते ही तत्कालीन डीसी भोर सिंह यादव ने निबंधन पर रोक लगा दी थी. लेकिन उनका तबादला होते ही पांच सितंबर को दोनों दस्तावेजों का निबंधन रजिस्ट्रार विपिन कुमार साहू द्वारा प्रवधानों को दरकिनार कर किया गया था. नामांतरण पर रोक लगने से भूमि माफियाओं में हड़कंप मच गया है. मामले में अंचल कर्मियों की मिली भगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. बताया जाता है कि जमीन की रजिस्ट्री होते ही क्रेताओं द्वारा नामांतरण हेतु ऑनलाइन आवेदन कर दिया गया था, जिसमें रमाडा होटल, डालटनगंज के अनिल कुमार साहू व अरुण कुमार साहू द्वारा एक बड़े भू-भाग की रजिस्ट्री करायी गयी थी. बताया जाता है कि रजिस्ट्रार साहू एवं अनिल कुमार साहू व अरुण कुमार साहू रिश्तेदार हैं.
भूमि की प्रकृति सरकारी है : अपर समाहर्ता
अपर समाहर्ता आलोक शिकारी कच्छप ने लगातार.इन व शुभम संदेश से बात करते हुए कहा कि सदर अंचल के जगलदगा मौजा के खाता 27 की भूमि से विवादित है. यह भूमि सीएस में सरकारी भूमि थी. माफिया ने सर्वे में अपने नाम करवा लिया है. शिकायत मिलते ही जांच कराई जा रही थी. अभी जांच लंबित है. कच्छप ने आगे बताया कि उक्त जमीन पर वर्तमान मांगधारियों के दखल कब्जा को लेकर विवाद होता रहा है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जमीन पर वे कभी काबिज नहीं रहे हैं. सिर्फ उनके नाम से खतियान खोल दिया गया है, जो जांच का विषय है. कच्छप ने आगे बताया कि इसकी जमाबंदी भी संदेहास्पद है.
उपायुक्त से नहीं हो सकी बात, नहीं मिला पक्ष
इस बाबत जानकारी लेने के लिए लगातार. इन व शुभम संदेश ने डीसी हिमांशु मोहन से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी. उनके व्हाट्सएप पर जानकारी के सवाल भेजे गए. लेकिन उनका पक्ष नहीं आया है. वैसे जैसे ही उनका पक्ष आएगा, हम उसे भी प्राथमिकता से प्रकाशित करेंगे.