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छात्राओं ने नृत्य-संगीत के जरिये पेश की आदिवासी संस्कृति की झलक
Dhanbad: एसएसएलएनटी महिला महाविद्यालय ने 13 सितंबर बुधवार को अपना 68 वां स्थापना दिवस मनाया. अतिथियों ने कॉलेज के स्थापना काल से अब तक के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला. कॉलेज की प्राचार्य शर्मिला रानी ने कहा कि जनजातीय संस्कृति व परंपरा थीम पर आधारित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के लोगों में जल-जंगल और जमीन को बचाने का संदेश देना था. झारखंड की यह अपनी संस्कृति व पहचान है. हमारी पूरी मंशा है कि लोक परंपरा तथा स्थानीय त्योहारों को जीवित रखें व परंपरा को कभी न भूलें.
उन्होंने कहा कि इस कॉलेज की स्थापना 1955 में हुई थी. कॉलेज 1960 में बिहार विश्वविद्यालय से संबद्ध था. 1961 में कॉलेज रांची विश्वविद्यालय का हिस्सा बन गया. 1975 में कॉलेज रांची विश्वविद्यालय की एक घटक ईकाई बन गया. 1992 में कॉलेज को नव स्थापित विनोबा भावे विश्वविद्यालय में शामिल किया गया. यह कॉलेज अब बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध है. उन्होंने बताया कि आज इस कॉलेज में लगभग 7000 छात्राएं अध्ययनरत हैं.
इसके पूर्व मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों एवं कॉलेज की प्राचार्य ने दीप प्रज्वलित कर तथा स्व.बिनोद बिहारी महतो की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. जनजातीय संस्कृति की थीम पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. कॉलेज की छात्राओं ने नृत्य संगीत की प्रस्तुति में आदिवासी पारंपरिक नृत्य, वेशभूषा, आभूषण व संस्कृति की झलक दिखी. कार्यक्रम में आदिवासी पंरपरा और लोक नृत्यों की गूंज सुनाई देती रही.
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