Chaibasa (Sukesh kumar) : जिला परिषद सभागार में बुधवार को मुखिया संघ द्वारा आयोजित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक हुई. इसमें जिला परिषद सदस्य, प्रमुख, पंचायत समिति सदस्य और मुखिया शामिल हुए. बैठक की अध्यक्षता झींकपानी जिला परिषद सदस्य जॉन मिरन मुंडा ने की. सभी सदस्य पंचायत चुनाव के बाद अपने-अपने क्षेत्र के विकास का काम नहीं होने और सरकारी पदाधिकारी द्वारा मान सम्मान नहीं दिए जाने की शिकायत की. जिला प्रमुख संघ के अध्यक्ष सिद्धार्थ होनहागा ने कहा कि डीएमएफटी फंड अगर हम पंचायत प्रतिनिधिओं को जिला परिषद के माध्यम से होता तो क्षेत्र का विकास पूरे राज्य में सबसे ज्यादा यहां होता, लेकिन डीएमएफटी फंड विधायक, सांसद फंड बन गया है. डीएमएफटी फंड लूट, घोटाला, भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का अड्डा बन गया है. अपने लाभ और फर्जी ग्रामसभा कर योजना ली जा रही है. टेंडर में गुंडागर्दी से योजना ली जाती है और कमीशन के रूप में 40 प्रतिशत का बंदरबांट होता है. डीएमएफटी फंड को लूटने का फंड बना दिया गया है.
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जिला परिषद मानसिंह तिरिया ने कहा कि हम लोंगो को सम्मान नहीं मिलता और मानदेय बहुत कम है. इससे क्षेत्र का दौरा नहीं कर पाते हैं. माधव चंद्र कुंकल ने कहा कि सरकार को किसी भी रूप से पेसा कानून के तहत अधिकार देना होगा. मुखिया संघ के उपाध्यक्ष दिनेश चंद्र बोयपाई ने कहा कि हमलोग को जितने भी विभाग दिए गए हैं उसका निरिक्षण करना चाहिए. बैठक की अध्यक्षता कर रहे जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि 32 साल बाद पंचायत चुनाव हुआ और अब तीसरी बार चुनाव हो चुका है, लेकिन जिस मकसद से पंचायत चुनाव हुआ आज तक अधूरा है. पंचायत चुनाव गांव की सरकार है जो ग्रामसभा से संचालित होता है. यह गांव की सरकार है. इसमें केंद्र और राज्य सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती है. आज जमीनी स्तर पर मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं, लेकिन उसके हिसाब से उन्हें मानदेय और मान सम्मान नहीं मिलता है. बैठक में सर्वसम्मिति से तय हुआ कि पंचायत प्रतिनिधियों को मान सम्मान और विकास के लिए एक जिला स्तरीय कमिटी बनाई जायेगी. आगामी बैठक 21 सितंबर को हरिगुटू क्लब हो समाज महासभा में करने का निर्णय लिया गया.
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