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मसाला कारोबारी से उगाही का है आरोप, कारोबारी की पत्नी उमा अग्रवाल की शिकायत पर विधानसभा स्पीकर ने दिया है कार्रवाई है आदेश
Maithon : विधानसभा स्पीकर रविन्द्रनाथ महतो के आदेश के बाद चिरकुंडा थाना प्रभारी की थानेदारी का ओर-छोर खंगाला जाने लगा है. इसी बीच बुधवार 13 सितंबर की देर शाम ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी अचानक चिरकुंडा थाना पहुंचे. जहां उन्होंने चिरकुंडा थाना प्रभारी सुनील सिंह के खिलाफ विधानसभा स्पकीर की कार्रवाई के लिए आदेश को लेकर जांच की. ग्रामीण एसपी उमा अग्रवाल के चिरकुंडा स्थित आवास गये और उमा अग्रवाल से पूछताछ की. इसके बाद उन्होंने उमा अग्रवाल के पुत्रों को चिरकुण्डा थाना बुलाकर लंबी पूछताछ की. मसाला व्यवसाय से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की. पूछताछ के दौरान एसडीपीओ अभिषेक कुमार भी मौजूद थे. हालांकि मीडिया के सवालों से ग्रामीण एसपी बचते नज़र आए. मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया और ना ही बात की. अब देखना है कि जांच करने के बाद चिरकुंडा थाना प्रभारी सुनील सिंह पर गाज गिरती है या उनकी कुर्सी सुरक्षित रहेगी. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई कर उन्हें सूचित करने का निर्देश झारखंड पुलिस को दिया है.
विधानसभा स्पीकर ने दिया है कार्रवाई का आदेश
चिरकुण्डा के मसाला व्यवसायी अनूप कुमार अग्रवाल की पत्नी उमा अग्रवाल ने चिरकुण्डा थाना प्रभारी सुनील सिंह पर रंगदारी मांगने व झूठे मुकदमे में फंसाने के आरोप लगाते हुए 23 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो से शिकायत की थी. उमा अग्रवाल की शिकायत पर एक्शन लेते हुए विधानसभा स्पीकर ने 4 सितंबर को चिरकुण्डा थाना प्रभारी पर कार्रवाई करने के लिए झारखंड पुलिस को आदेश दिया था.
आरोप : थाना प्रभारी कर रहे थे उगाही, बढ़ती जा रही थी मांग
विधानसभा अध्यक्ष को दिये अपनी शिकायत में उमा अग्रवाल ने कहा है कि 16 जून की दोपहर में थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह सादे लिबास में 8-10 लोगों के साथ उनके घर आये और पति अनूप कुमार अग्रवाल, बेटा व देवर प्रकाश कुमार अग्रवाल को गंदी गंदी गालियां देते हुए दस लाख रुपये की मांग करने लगे. दबाव बना कर कई बार रुपये लिये भी थे. बावजूद हर माह उनकी मांग बढ़ती जा रही थी. मांग पूरी नहीं करने पर बिना फूड इंस्पेक्टर के घर से गोटा मसाला का सैंपल जब्त कर ले गये. पांच दिन सैंपल को अपने पास रखा. फिर 21 जून को थाना प्रभारी पुनः फूड इंस्पेक्टर को लेकर उनके घर आये और ज़ब्त किया गया सैंपल फूड इंस्पेक्टर को सौंप दिया. उमा अग्रवाल का आरोप है कि थाना प्रभारी ने उन्हें फंसाने के लिए सैंपल में स्वयं मिलावट की थी.
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