![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/WEB-BANNER-021.jpg)
चास में चल रहे पर्युषण महापर्व के पांचवें दिन जीवन चेतना की हुई व्याख्या
Bokaro : चास के श्री माणिकचंदजी छालाणी भवन में आचार्य महाश्रमणजी के मार्गदर्शन में जैन धर्मावलंबियों के पर्युषण महापर्व के पांचवें दिन 16 सितंबर को अणुव्रत चेतना दिवस मनाया गया. उपासिका वीणा बोथरा व ममता बोथरा ने श्रद्धालुओं को अणुव्रत आंदोलन और अणुव्रत नियमों से अवगत कराया. कहा कि नैतिकता व चारित्रिक मूल्यों के विकास का नाम ही अणुव्रत है. अणुव्रत एक श्रेष्ठ जीवनशैली है. इसके नियमों का पालन आज की जरूरत बताते हुए उन्होंने इसे दुनिया मे नैतिकता की बुनियाद रखने का सुगम माध्यम बताया.
उपासिकाओं ने अणुव्रत के छोटे-छोटे संकल्पों की 11 सूत्री आचारसंहिता के बारे में लोगों को विस्तार से बताया. कहा कि इन संकल्पों से अहिंसा, मानवीय एकता, साम्प्रदायिक सौहार्द, प्रमाणिकता, साधन शुद्धि, व्यसन मुक्ति, चुनाव शुद्धि व पर्यावरण शुद्धि की दिशा में समस्त विश्व को जागृत किया जा सकता है. मौके पर शांतिलाल लोढ़ा, विनोद चोपड़ा, राजेश कोठारी, शशि बांठिया, बजरंग लाल चौरड़िया, सिद्धार्थ, अमृत, अशोक, गौरव लोढ़ा, ललिता, प्रकाश कोठारी, कनक जैन, आरती पारख, प्रमोद, मदन चौरड़िया, जयचंद, सुशील, अरिहंत, शशि, रेणु चौरड़िया, सरोज छलानी, राजू, सुरेश बोथरा आदि मौजूद थे.
यह भी पढ़ें : पाकुड़ : रेलवे मैदान पूजा पंडाल में इस बार स्थापित होंगी गणेश की 25 प्रतिमाएं
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/neta.jpg)
Leave a Reply