100 क्विंटल अनाज चट कर गए, खेतों में लगी फसलें रौंद दी
32 हाथियों के झूंड में 7 बच्चे
Ramchandra Anjana
Bokaro Thermal : नावाडीह प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित ऊपरघाट इलके में जंगली हाथियों का उत्पात जारी है. पोखरिया पंचायत के आदिवासी गांव वनखेतवा में 20 सितंबर बुधवार की रात हाथियों ने कहर बरपाते हुए 19 घरों को तोड़ दिया और वहां रखे 100 क्विटल अनाज चट कर गए. रात लगभग डेढ़ बजे 32 हाथियों का झूंड गांव पहुंचा और चारों और से माओवादियों जैसा हमला कर दिया. हालांकि खतरे को भांपते हुए ग्रामीणों ने शाम को ही घर छोड़कर डेगागढ़ा स्थित स्कूल में शरण ले ली थी. इस वजह सभी सुरक्षित बच गए.
बड़े हाथी घरों को तोड़ रहे थे और छोटे हाथी घर में घुसकर अनाज बाहर निकाल कर अपने साथियों को खिला रहे थे. हाथियों ने मिट्टी के घरों कई पक्के मकानों को भी तोड़कर अनाज चट कर गए. लेकिन घरों में बंधे मवेशियों को छेड़ा तक नहीं. वनखेतवा में आदिवासी किसानों ने बड़ी जतन से खेतों में धान, बाजरा, मकई और सब्जियों की फसल लगाई थी. हाथियों सब तहस-नहस कर दिया. करमी देवी के घर में खड़ी बाइक भी क्षतिग्रस्त कर दी.
किसको कितना नुकसान
हाथियों ने महादेव मुर्मू का एक कच्चा और एक पक्का घर तोड़कर अंदर रखा दो क्विंटल चावल, 3 क्विंटल मकई व 2 क्विंटल महुआ खा गए. इसी प्रकार तालो मुर्मू के दो घर तोड़कर 1 क्विंटल मकई, डेढ क्विंटल चावल और 20 लीटर महुआ तेल, सुगिया देवी के घर में 2 क्विंटल मकई, ढाई क्विंटल चावल, 2 क्विंटल महुआ खा गए और घर भी तोड़ दिया. अन्य पीड़ितों में डोडो मांझी, मोठा मुर्मू, लीलमुनी देवी, रामलाल मुर्मू, संतोष मुर्मू, मंजू देवी, दिनेश मुर्मू, जागो मांझी, महेश मुर्मू, गणेश मुर्मू, पांडू मुर्मू, करमी देवी, रोहनी देव, बड़की देवी, मनोज मुर्मू व कार्तिक मुर्मू हैं.
देव स्थल बूढ़ाथान को भी तोड़ दिया
हाथियों ने वनखेतवा स्थित देवस्थल बूढ़ाथान को भी पैरो से पूरी तरह कुचल. देवस्थल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. इससे आदिवासी समाज के लोग काफी आहत हैं. मंत्री पुत्र सह झामुमो नेता अखिलेश उर्फ राजू महतो ने बुढ़ाथान को नये सिरे से बनवाने की बात कही है.
कैसे कटेगी रात : घर बना खंडहर, न बर्तन बचा, न खाट-खटिया

हाथियों का झुंड ऊपरघाट इलाके में दो दिनों से तबाही मचाए हुए है. 19 आदिवासी परिवारों के घरों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया. घर में रखे अनाज खा गए. अब बड़ा सवाल यह है कि यहां के आदिवासियों की रात कैसे कटेगी. घर तो खंडहर बन गया है. हाथियों ने बर्तन व खाट-खटिया भी तोड़ दिए. बच्चे कैसे भूखे पेट सोएगें. घर में रखें सारे अनाज हाथी चटकर गए. बिजली काट दी गई है. अंधेरें में वहां रहना एक और घटना को आमंत्रित करने जैसा होगा. हाथी तो चले गए, अब लोगों को बिषैले सांपों का डर सता रहा है. रोहनी देवी, करमी देवी, बड़की देवी, मंजू देवी, लीलमुनी देवी व सुगिया देवी कहती हैं कि घर के बड़े-बुजुर्ग बाहर कमाने गए हैं. बच्चे डरे-सहमे हुए हैं. घर में अनाज का एक दाना तक नहीं है. बर्तन भी टूटे पड़े हैं. चूल्हा तक हाथियों ने तोड़ दिए.
सूचना पर पहुंचे जनप्रतिनिधि, मदद का आश्वासन
हाथियों के उत्पात की सूचना पर राज्य की मंत्री बेबी देवी के पुत्र झामुमो नेता अखिलेश उर्फ राजू महतो, मुखिया बंसती देवी, प्रतिनिधि शनिचर तुरी, पूर्व विधायक प्रतिनिधि टेकलाल चौधरी, अध्योया प्रसाद महतो, जयलाल महतो, बासदेव महतो, भैरव महतो, कमल प्रसाद महतो, अरूण साव, पिंटू कुमार महतो आदि गांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया. हर संभव सहयोग करने की बात भी कही.
यह भी पढ़ें : गिरिडीह : गावां में 2 दुकानों व घर का ताला तोड़ नकदी सहित हजारों के सामान की चोरी
[wpse_comments_template]