Chakulia (Dharish Chandra Singh) : खेतों में धान के पौधों में बालियां निकलनी शुरू हो गई हैं. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे चाकुलिया प्रखंड क्षेत्र में जंगली हाथियों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया है. हाथी खेत में खड़ी धान की फसल को पैरों से रौंद कर और खाकर बर्बाद करने लगे हैं. इससे क्षेत्र के किसान चिंतित हैं. इस इलाके में हर साल जंगली हाथी किसानों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. जंगली हाथी किसानों के लिए एक आपदा बन गए हैं.
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15 दिनों से जंगली हाथी बर्बाद कर रहे हैं फसल
पिछले 15 दिनों से विभिन्न इलाकों में जंगली हाथियों के आने और धान की फसल बर्बाद करने का सिलसिला शुरू हो गया है. हाथियों ने अब तक जमुआ, रांगामाटिया, माकड़ी समेत अन्य कई गांव में धान की फसल को रौंद कर किसानों को भारी नुकसान पहुंच चुके हैं. विगत दो दिनों से जंगली हाथियों का एक दल सोनाहातू पंचायत क्षेत्र में भ्रमण कर रहा है. ग्रामीणों की मानें तो जंगली हाथी दिनभर आसपास के जंगलों में रहते हैं और शाम होते ही जंगल से निकल कर धान के खेतों में उत्पात मचाने लगते हैं. धान की फसल को बर्बाद कर हाथी भारी नुकसान पहुंचाते हैं.
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पांच-छह वर्षों से बढ़ गया है हाथियों का उपद्रव
ज्ञात हो कि पिछले पांच-छह वर्षों से चाकुलिया वन क्षेत्र के चाकुलिया, बहरागोड़ा और धालभूमगढ़ प्रखंड में जंगली हाथियों के उपद्रव में भारी वृद्धि हुई है. खेती के लिए तो जंगली हाथी काल बन गए हैं. जंगली हाथी ना सिर्फ धान की फसल को बर्बाद करते हैं, बल्कि सब्जी की फसलों को भी तहस-नहस कर देते हैं. घरों पर हमला कर जान और माल का भारी नुकसान पहुंचाते हैं. किसानों का मानना है कि जैसे-जैसे खेतों में धान की फसल पकनी शुरू होगी वैसे-वैसे जंगली हाथियों का उपद्रव बढ़ता जाएगा. हाथियों के कारण धान की फसल घर लाई जा सकेगी या नहीं, इसको लेकर किसान चिंतित हैं. हालांकि ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम पहुंचती है और हाथियों को भगाने की दिशा में पहल करती है.
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