Jamshedpur (Ratan Singh) : दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे जमानत मिलने के बाद बुधवार को जेल से बाहर आ गए. मुखे के जेल से बाहर आते ही उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया और फूल मालाओं से लाद दिया. साथ ही सभी ने जोरदार नारेबाजी करते हुए मुंह मीठा कराया. समर्थकों में इसे लेकर खासा उत्साह दिखाई दिया. मुखे जेल से बाहर आते ही सबसे पहले किताडीह गुरुद्वारा गए और मत्था टेका इसके बाद अन्य लोगों से मिले. बता दें कि गुरमुख सिंह मुखे को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को ही जमानत मिल गई थी. शीर्ष अदालत में सुनवाई करते हुए जस्टिस ऋषिकेश राज और अभय एस ओका की खंडपीठ ने जमानत मंजूर की थी. मुखे की ओर से वरीय अधिवक्ता पल्लवी आनंद, मुस्कान जैन थीं, जबकि जमशेदपुर से अधिवक्ता केएम सिंह और बंश सबलोक पैरवी कर रहे थे. मुखे के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि आरोप लगाने वाली महिला पूर्व में भी इस प्रकार के तीन-चार लोगों पर केस कर चुकी है. शनिवार को ही गुरमुख सिंह मुखे जेल से बाहर आने वाले थे लेकिन तकनीकी कारणों से नहीं आ सके. मंगलवार को भी वे बाहर आते आते रह गये थे.
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जल्द ही करेंगे मामले का खुलासा : मुखे
जेल से बाहर आने पर मुखे ने कहा कि विरोधियों ने उन्हें झूठे आरोप में फंसाया था. जो विरोधी थे वह सीधे तौर पर चुनाव के माध्यम से लड़ाई नहीं लड़ सके, इसलिए एक महिला को हथियार बनाकर नशा पिलाकर इस तरह का आरोप लगवाया था. जल्द ही वे एक प्रेस वार्ता आयोजित कर प्रमाण के साथ बतायेंगे कि किस तरह से उन्हें फंसाया गया था. इसके सबूत और कागजात उनके पास मौजूद है. कहा कि विरोधियों में कितने भी पैसे वाले हो, लेकिन उन लोगों में इतना दम नहीं है कि वह सीधा उनसे मुकाबला कर सके चुनाव लड़ सके. आम जनता व संगत के बीच जा सके. उनमें दम नहीं है इस कारण से इस तरह का हथकंडा अपनाया. बताया कि वह आतंकवादियों के खिलाफ लड़ते हैं. आतंकवादियों के द्वारा जो झारखंड से पंजाब की ओर नशा तस्करी की जा रही है उसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा.
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