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सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है लंगटा बाबा का समाधि स्थल
हर साल पौष पूर्णिमा में होती है चादरपोशी ,लगता है भव्य मेला
Jamua (Giridih): जमुआ-देवघर मुख्य मार्ग खरगडीहा स्थित लंगटा बाबा समाधि स्थल पर 25 जनवरी को 114वीं बरसी पर चादरपोशी की जाएगी. बताया जाता है कि वर्ष 1870 के शीतकालीन में नागा साधुओं का एक जत्था खरगडीहा पहुंचा. खरगडीहा आये सभी नागा साधु चले गए पर नंग-धड़ंग अधेड़ साधु खरगडीहा स्थित थाना के बरामदे में रुक गए और वे लंगटा बाबा के नाम से प्रशिद्ध हुए. यहां 40 वर्षों तक रहने के बाद पौष पूर्णिमा के दिन 10 जनवरी 1910 को समाधि ली. बताया जाता है कि इन 40 वर्षों में बाबा के चमत्कारिक कारनामों से श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगने लगी. इनके चाहने वाले भक्त बाबा के आशीर्वाद से कष्ट मुक्त हो गए.
लंगटाबाबा आश्रम की तस्वीरें
लंगटा बाबा के कई शिष्य और सेवक बने जिसमें परमहंस बाबा लंगटा बाबा के परम शिष्य बने. लंगटा बाबा के सेवक खेदन राम बाबा के सेवा में निरंतर रहने के बाद उनकी भी मृत्यु हो गई. जिनका समाधि भी लंगटा बाबा से कुछ ही दूरी पर अवस्थित है.
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है लंगटा बाबा की समाधि
बताया जाता है की बाबा के अनन्य हिंदू और मुस्लिम भक्त थे. बाबा के प्राण त्यागने के बाद दोनों समुदाय में अंतिम संस्कार को लेकर खींचतान होने लगी सहमति के बाद उनके शव को मिट्टी दिया गया.
तब से हिन्दू और मुसलमान चादरपोशी करने लगे पर दोनों की चादरपोशी का समय निर्धारण कर दिया गया. हिन्दू समुदाय सुबह को चादरपोशी करते हैं और मुस्लिम समुदाय के लोग दोपहर बाद.
ठंडी कर दो महाराज
बताया जाता है कि बाबा को भक्त उन्हें दान स्वरूप जो दिया करते थे, बाबा उसे समाधि स्थल परिसर स्थित कुआं में डाल देते और करते ”ठंडी कर दो महाराज”. लंगटा बाबा के कई चमत्कारिक उदहारण देखे गये हैं. जिससे उनके भक्त देश के कोने-कोने से यहां चादरपोशी करने आते हैं. यहां भंडारे में जरूरत की सारी सामग्री भक्तों की ओर से इकट्ठा की जाती है.
पहली चादरपोशी करते हैं थानेदार
यह स्थान पूर्व में खरगडीहा थाना हुआ करता था. बाद में थाना जमुआ में बना. खरगडीहा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी बहावुद्दीन खान भी लंगटा बाबा के परम भक्त थे. बाबा की देख-रेख में कमी नहीं करते इसलिए पहली चादरपोशी का अधिकार भी यहां के थाना प्रभारी को मिला और समाधि के बाद से निरंतर जमुआ थाना प्रभारी ही चादरपोशी करते हैं.
कई राज्यों से आते हैं बाबा के भक्त
लंगटा बाबा समाधि स्थल पर चादरपोशी को लेकर देश के कई राज्यों से भक्त पहुंचते हैं. जिसमें झारखंड,बिहार, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा,बंगाल सहित कई अन्य राज्यों के श्रद्धालु शामिल हैं. इस मौके पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये जाते हैं.
इसके लिए खोरी महुआ अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुकेश कुमार महतो के नेतृत्व में जमुआ बीडीओ कमलेन्द्र कुमार सिन्हा, अंचलाधिकारी संजय पांडेय, पुलिस इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार सिंह,थाना प्रभारी बिपिन कुमार के अलावे प्रखंड क्षेत्र के स्थानीय जन प्रतिनिधियों और समाजसेवियों के साथ बैठक कर सुविधाओं के लिए कई नियम कानून पारित किया. जिसमें सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीसीटीवी कैमरा लगाने, ट्रैफिक व्यवस्था,जगह-जगह बैरिकेडिंग, स्वयंसेवकों की ड्यूटी, महिला सुरक्षा, दुकानदारों की ब्यवस्था शामिल है. मेला व्यवस्था व सुरक्षा को लेकर स्थानीय समाज सेवी ,जनप्रतिनिधियों के अलावे स्थानीय युवाओं की टोली शामिल हैं. जिसमें 20सूत्री अध्यक्ष जुनैद आलम, विजय चौरसिया, खरगडीहा मुखिया सुनील कुमार साव उर्फ पप्पू, खरगडीहा के पूर्व मुखिया चीना खान, रिंकू कुमार सिन्हा, उप मुखिया पप्पू खान, सुंदर राम, प्रो. शमीम, अशोक साहू, सूरज कुमार, अमरेंद्र कुमार, जुल्फिकार अली, रामेश्वर सिंह, संतोष दास, अमित सिंह, राहुल कुमार, बबलू कुमार, मुन्ना साव सहित कई लोग शामिल रहेंगे.
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