- चंपई के पास है जादुई आंकड़ा, 47 विधायक पक्ष में
- बहुमत साबित करने के लिए सरकार को चाहिए सिर्फ 41 विधायकों का समर्थन
Satya Sharan Mishra
Ranchi : झारखंड की राजनीति के लिए सोमवार का दिन बेहद खास है. राज्य के नये सीएम चंपई सोरेन सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करेंगे. इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र (5-6 फरवरी को) आहूत किया गया है. चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. राज्यपाल ने उन्हें 10 दिन में बहुमत साबित करने का समय दिया है. चंपई ने 47 विधायकों के साथ बहुमत साबित करने का दावा किया है. विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले चंपई सोरेन ने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए काफी एहतियात बरती है. वहीं नाराज चल रहे विधायक लोबिन हेंब्रम और सीता सोरेन की भी नाराजगी अब पूरी तरह खत्म हो चुकी है. ये दोनों भी फ्लोर टेस्ट में मौजूद रह कर सरकार के पक्ष में वोट करेंगे. वहीं हैदराबाद भेजे गए सत्तारूढ़ दल के सभी 35 विधायक भी रविवार शाम रांची लौट आए हैं. सोमवार को सभी विधायक एक साथ विधानसभा पहुंचेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी कोर्ट से फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की इजाजत मिल गई है. इस तरह अब झामुमो के पक्ष में 47 विधायकों का समर्थन जुट चुका है.
क्या है झारखंड विधानसभा का अंकगणित
झारखंड विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 81 है. इसमें से एक सीट गांडेय फिलहाल खाली है. गांडेय से झामुमो के विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया था. अब 80 विधायकों में से 48 (स्पीकर सहित) सत्ता पक्ष के समर्थन में हैं, जबकि 32 विधायक विपक्षी खेमे में हैं. सत्ता पक्ष की बात करें, तो झामुमो 29, कांग्रेस 17 और राजद का 01 विधायक हैं. भाकपा माले ने भी सरकार को समर्थन दिया है. अगर निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार के समर्थन में वोटिंग की, तो चंपई सोरेन 49 वोटों के साथ बहुमत साबित कर सकते हैं, हालांकि निर्दलियों के सरकार को समर्थन देने की उम्मीद लगभग नहीं के बराबर है.
झारखंड विधानसभा
कुल सीट 81
एक सीट गांडेय खाली है
सत्ता पक्ष
48 विधायक (स्पीकर समेत)
झामुमो- 29 विधायक
कांग्रेस- 17 विधायक
राजद- 1 विधायक
भाकपा माले- 1 विधायक
विपक्ष
भाजपा- 26 विधायक
आजसू- 3 विधायक
राकांपा- 01 विधायक
निर्दलीय- 02 विधायक
सीता सोरेन और लोबिन भी चंपई के साथ
31 जनवरी की रात हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन ने राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा किया था. उस वक्त उन्होंने राज्यपाल को जो पत्र सौंपा था, उसमें सत्ता पक्ष के सिर्फ 43 विधायकों के ही हस्ताक्षर थे. कांग्रेस, आरजेडी और माले ने तो पहले ही दिन चंपई सोरेन को समर्थन दे दिया था. झामुमो को अपने दो नाराज विधायकों (सीता सोरेन और लोबिन हेंब्रम) के टूटने का डर सता रहा था, लेकिन चंपई इन्हें मनाने में कामयाब हो गये हैं. सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन ने चंपई के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंच कर यह बता दिया कि वे सरकार के पक्ष में हैं. वहीं रविवार को लोबिन हेंब्रम ने भी झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन से मुलाकात करके सरकार के पक्ष में वोट देने की घोषणा कर दी है.
हैदराबाद से वापस लौटे सत्ता पक्ष के विधायक
2 फरवरी को चंपई सोरेन के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद सत्ता पक्ष के 35 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया था. ये सभी विधायक रविवार शाम वापस रांची लौट आए हैं. उन्हें एयरपोर्ट से सीधे सर्किट हाउस ले जाकर ठहराया गया है. सोमवार को इन्हें फ्लोर टेस्ट के लिए एक साथ बस में बैठा कर विधानसभा ले जाया जाएगा. विपक्ष बहुमत के आंकड़े से काफी दूर है, फिर भी चंपई ने एहतियात बरतते हुए अपने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए उन्हें हैदराबाद शिफ्ट कर दिया था.
हेमंत सोरेन भी फ्लोर टेस्ट में शामिल होंगे
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सोमवार को विधानसभा में चंपई सरकार के फ्लोर टेस्ट में शामिल होंगे. रांची की पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी है. हेमंत सोरेन ने विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत में याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी इस याचिका में चंपई सोरेन सरकार के विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति मांगी थी. उन्हें इसकी इजागत मिली हुई है.
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