Saurav Singh
Ranchi : झारखंड में जिस विभाग के पास संगठित आपराधिक गिरोहों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी है, इन दिनों यह विभाग नेतृत्वविहीन चल रहा है. झारखंड एटीएस इन दिनों मेन पावर की कमी से जूझ रहा है. पिछले एक महीने से जहां एसपी का पद खाली पड़ा है, वहीं दूसरी ओर डीएसपी स्तर के अधिकारियों के भी कई पद खाली पड़े हैं. पिछले सप्ताह सीएम ने समीक्षा बैठक के दौरान एटीएस एसपी के पद पर अधिकारियों को पदस्थापित करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक इस पद पर किसी भी अधिकारी की पोस्टिंग नहीं हुई है.
संगठित आपराधिक गिरोहों की सक्रियता एक बार फिर बढ़ी
झारखंड में सक्रिय अलग-अलग संगठित आपराधिक गिरोहों की सक्रियता पिछले दो माह में काफी कम हो गयी थी. लेकिन एक बार फिर इन संगठित आपराधिक गिरोहों की सक्रियता बढ़ी है. अलग-अलग आपराधिक गिरोहों द्वारा रंगदारी वसूली के लिए गोलीबारी और हत्या जैसी घटनाओं का अंजाम दिया जा रहा है. हालांकि वर्तमान समय में केवल तीन आपराधिक गिरोह हैं, जो पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं. ये आपराधिक गिरोह माओवादी और उग्रवादी संगठन की तरह घटना को अंजाम देने के बाद जिम्मेवारी भी ले रहे हैं.
ये प्रमुख आपराधिक गिरोह हैं सक्रिय :
- अखिलेश सिंह : जमशेदपुर
- अमन साहू गिरोह : रांची, लातेहार, रामगढ़ और हजारीबाग.
- अमन श्रीवास्तव गिरोह: रामगढ़, हजारीबाग, लातेहार.
- प्रिंस खान : धनबाद.
- विकास तिवारी गिरोह : रामगढ़ और हजारीबाग.
- सुजीत सिन्हा गिरोह : लातेहार और पलामू.
- डब्लू सिंह : पलामू
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