Ranchi : झामुमो ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के साथ जांच एजेंसी ईडी के रवैये पर गहरी नाराजगी प्रकट की है. पार्टी महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को अमानवीय तरीके से रखा जा रहा है, अमानवीय तरीके से ईडी पेश आ रही है. इसके विरोध में झारखंड सहित पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा. हेमंत सोरेन को ईडी अपनी हिरासत में अमानवीय परिस्थिति में रखे हुए है. दूसरी ओर हेमंत की पेशी के दौरान लगातार मीडिया ट्रायल भी किया जा रहा है. ईडी हेमंत को 13 दिनों की रिमांड पर ले चुकी है. नेता से इतना खौफ है कि उन्हें तहखाने में रखा गया है. ताकि घुट के मर जाएं, रोशनी में मत रखो, ताकि वह अंधा हो जाएं. आवाज ना आए ताकि उनके सुनने की क्षमता खत्म हो जाए. इस अमानवीय परिस्थिति में उनको रखा गया है. भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में अभी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किये जा रहे हैं. अब हम मुकाबला करेंगे. 15 तारीख से पंचायत स्तर पर प्रतिरोध की आवाज तैयार होगी और तबतक जारी रहेगा जबतक कि हमारे नेता के खिलाफ की गयी साजिश की असलियत सामने ना आ जाए. 16 फरवरी से हड़ताल पर पार्टी उरतेगी. सारे जनसंगठन, सारे श्रमिक संगठन, सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ झामुमो पार्टी भी इस हड़ताल के साथ रहेंगी. यह बातें उन्होंने पार्टी कार्यालय में आयेाजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही.
जहां लोकतंत्र की बुनियाद बनी, वहीं लोकतंत्र दफनाया गया
भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार के जिस वैशाली ने दुनिया में लोकतंत्र की बुनियाद रखी. वहीं विश्वासमत के दौरान लोकतंत्र को दफनाने का काम हुआ. मानव संसाधन हो , खनिज संसाधन हो या जैव संसाधन हो, व्यापारियों द्वारा कब्जा करने का पूरा खेल बिहार में रचा गया. पर झारखंड में उनकी मंशा सफल नहीं हो सकी. यहां सामुदायिकता की परंपरा ध्वस्त नहीं हुई. लेकिन बिहार में संसदीय परंपरा को समाप्त होते हमने देखा. नीतीश कुमार ने सारी निर्लज्जता को पार कर दी. इंडिया गठबंधन के लोग जानते थे कि यह नेता किसी गंठजोड़ में रहा तो उसका सत्यानाश कर देगा. इसलिए उन्हें संयोजक नहीं बनाया गया था.
भारत रत्न चुनावी दांव
भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार भारत रत्न के नाम पर चुनावी दांव खेल रही है. 2019 में सेना को दांव पर लगा दिया गया. शहीदों का तस्वीर छाप कर चुनावी रैलियां की गयीं. अब 2024 में भारत रत्न दिया जा रहा है. बंगाल में चुनाव था प्रणव दा बन गये थे भारत रत्न. बिहार में चुनाव है इसलिए कर्पूरी ठाकुर, उत्तरप्रदेश में चुनाव है तो चौधरी चरण सिंह बन गये. किसान आंदोलन शुरू होगा इसलिए एमएस स्वामी नाथन को बना दिया गया. आंध्र प्रदेश- तेलंगाना बुरी तरह से परास्त हो गये तो नरसिंहा राव को भारत रत्न दे दिया गया.
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