New Delhi : कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि चुनावी बॉन्ड घोटाले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच होना जरूरी है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में सरकार का मतलब जितना चंदा, उतना हक है. निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड के आंकड़े सार्वजनिक कर दिये. उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च को आयोग के साथ आंकड़े साझा किये थे. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | Congress leader Jairam Ramesh says, “We have given 25 guarantees…BJP is using the tactics of polarization & discrimination. Like the Modi-Adani scam, the electoral bond scam is also a big scam…This is extortion. ED has become the Extortion Directorate…We want there… pic.twitter.com/GhsUA6btHK
— ANI (@ANI) March 16, 2024
भाजपा की चार भ्रष्ट नीति चंदा दो, धंधा लो, हफ्ता वसूली, ठेका लो, रिश्वत दो
रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, कल चुनावी बॉन्ड पर डेटा सामने आने के बाद पहले विश्लेषण में भाजपा की चार भ्रष्ट नीति चंदा दो, धंधा लो, हफ्ता वसूली, ठेका लो, रिश्वत दो और फ़र्ज़ी कंपनी – डकैत संगनी सामने आयी थी. कहा कि चुनावी बॉन्ड घोटाले के माध्यम से सामने आये भ्रष्टाचार के ये चारों पैटर्न गंभीर चिंता के विषय हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच होना आवश्यक है. रमेश ने कहा, “दरअसल, कल से हमने इस तरह के भ्रष्टाचार के दर्जनों उदाहरण सामने आते देखे हैं. भारत के कॉरपोरेट से हज़ारों करोड़ रुपये की उगाही और वसूली की गयी है. हज़ारों करोड़ की सार्वजनिक संपत्ति लूटी गयी है.
कंपनियों ने चुनावी बॉन्ड खरीदने के बाद पर्यावरण संबंधी मंजूरी प्राप्त की
उन्होंने दावा किया, इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कंपनियों ने भारी मात्रा में चंदा दिया है. उदाहरण के लिए मेघा इंजीनियरिंग, तेलंगाना में कलेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना पर काम कर रही थी. मेघा ने मेडीगड्डा बैराज के कुछ हिस्से का निर्माण किया, जो इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. ऐसा हुआ कि बैराज डूबने लगा, जिससे करदाताओं का एक लाख करोड़ रुपए बर्बाद हो गये.” उनके मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में इस तरह बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के ख़राब होने कई उदाहरण देखे गये हैं, ऐसा ही एक और उदाहरण गुजरात का मोरबी है. रमेश ने कहा, कंपनियों ने चुनावी बॉन्ड खरीदने के बाद पर्यावरण संबंधी मंजूरी प्राप्त की.
भाजपा का खजाना भरा रखने का बोझ किन आदिवासी समुदायों को उठाना पड़ा है?
. चुनावी बॉन्ड से कितनी वन भूमि नष्ट हुई? भाजपा का खजाना भरा रखने का बोझ किन आदिवासी समुदायों को उठाना पड़ा है? उन्होंने दावा किया, चुनावी बॉन्ड घोटाले के माध्यम से सामने आए इन भ्रष्ट कार्यों के अलावा आज सुबह प्रधानमंत्री मोदी के पसंदीदा कारोबारी समूह की अमेरिकी जांच से संबंधित खबरें सामने आयी है. कांग्रेस ने इससे पहले अपनी हम अडाणी के हैं कौन सीरीज में मोदानी घोटाले पर 100 सवाल पूछे थे. कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि मोदानी घोटाले’ और चुनावी बॉन्ड घोटाले के बीच प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के माउंट एवरेस्ट को फतह कर लिया है.
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