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- 2009 और 2014 में कांग्रेस की हार का कारण बने चमरा, अब किसकी बारी
- 2009 में दूसरे स्थान पर आकर फैला दी थी सनसनी
- 2014 में भी कांग्रेस को हराने में निभाई थी अहम भूमिका
Kaushal Anand
Ranchi : झारखंड में लोकसभा चुनाव की जंग इस बार कई सीटों पर आसान नहीं होगी. कई सीटों पर ‘अपनों’ और ‘निर्दलीयों’ से ही खतरा है. झारखंड में चौथे चरण में होनेवाले चुनाव को लेकर लोहरदगा संसदीय सीट बहुत ही हॉट सीट बन चुकी है. यहां कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत को ‘अपनों’ और ‘निर्दलीयों’ से ही खतरा है. खतरा इसलिए कि झामुमो के बागी विधायक चमरा लिंडा खुद मैदान में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी उतरे हैं. चमरा एक नहीं दो बार लोहरदगा से कांग्रेस को हराने में अहम भूमिका अदा कर चुके हैं. 2009 में चमरा लिंडा दूसरे स्थान पर आकर एक तरह से सनसनी फैला दी थी. उस समय चमरा लिंडा विधायक भी नहीं थे. किसी को अंदाजा तक नहीं था चमरा लिंडा इतना बड़ा खेला कर जाएंगे. इतना ही नहीं 2014 में भी चमरा ने कांग्रेस प्रत्याशी को हराने में अहम भूमिका निभाई थी. अब फिर से इस बार इंडिया गठबंधन के खिलाफ वे लोहरदगा से ताल ठोंक रहे हैं. झामुमो को पूरा भरोसा था कि वे मान जाएंगे और अंतिम समय में नाम वापस ले लेंगे. मगर ऐसा हुआ नहीं. स्क्रूटनी के बाद उन्हें बल्लेबाज छाप चुनाव चिन्ह भी आवंटित हो चुका है और चुनावी मैदान में ताबड़तोड़ बैटिंग के लिए उतर चुके हैं.
2009 और 2014 के लोस चुनाव में भी खेला कर चुके हैं चमरा
वर्ष 2009 में चमरा लिंडा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे. इस चुनाव में चमरा लिंडा 1,36,345 लाख वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे. उन्होंने सीटिंग एमपी डॉ. रामेश्वर उरांव को तीसरे नंबर पर धकेल कर सनसनी फैला दी थी. विजयी भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत रहे थे. इसी तरह फिर चमरा लिंडा वर्ष 2014 में टीएमसी की टिकट पर मैदान में उतरे. इस चुनाव में चमरा लिंडा ने 1,18,355 लाख वोट लाकर कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया. सुदर्शन भगत की जीत की राह आसान कर पुन: डॉ. रामेश्वर उरांव को हराने में अहम भूमिका निभाई. इस चुनाव में डॉ. रामेश्वर उरांव को 2,20,177 वोट मिले थे, जबकि विजयी प्रत्याशी सुदर्शन भगत को 2,26,066 वोट मिले थे. अगर चमरा लिंडा और डॉ. रामेश्वर उरांव के मतों को मिला दिया जाए, तो डॉ. उरांव की जीत पक्की थी. लेकिन चमरा लिंडा के कारण वे चुनाव हार गये.
लोहरदगा के सभी पांच विधानसभा क्षेत्र में है झामुमो–कांग्रेस का कब्जा
सिसई, गुमला, विशनपुर : झामुमो
मांडर, लोहरदगा : कांग्रेस
लोहरदगा संसदीय सीट में धार्मिक-जातिगत आधार पर वोट प्रतिशत
एसटी : 59.88
ईसाई : 13.91
मुस्लिम : 9.95
एससी :3.63
सिख : 0.05
बौध : 0.04
जैन : 0.02
पिछले तीन चुनावों में किस पार्टी को कितना प्रतिशत वोट मिला
2009 : भाजपा : 27.7, कांग्रेस: 24.8
2014 : भाजपा: 35.7, कांग्रेस: 24.7, टीएमसी (चमरा लिंडा):18.6
2019 : भाजपा: 45.7, कांग्रेस : 44.2
डाटा स्रोत : 2019 के चुनाव आयोग के परिणाम के अनुसार
लोहरदगा में ये प्रत्याशी हैं मैदान में
समीर उरांव : भाजपा
सुखदेव भगत : कांग्रेस
चमरा लिंडा : निर्दलीय
महेंद्र उरांव : भारती कम्युनिस्ट पार्टी
रामचंद्र भगत : लोकहित अधिकार पार्टी
स्टेफन किंडो : निर्दलीय
बिहारी भगत : पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक)
सनिया उरांव : निर्दलीय
मैरिएनस तिग्गा: निर्दलीय
पवन तिग्गा : निर्दलीय
मनी मुंडा : भागीदारी पार्टी (पी)
अर्जुन टोप्पो : आजाद समाज पार्टी (कांशी राम)
गिरजानंद उरांव : बहुजन समाज पार्टी
रंजीत भगत : निर्दलीय
अर्पण देव भगत : निर्दलीय
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