Ranchi : भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला दिया है. ममता बनर्जी ने 118 मुसलमान जातियों को पिछड़ेपन का सर्वे कराए बिना ओबीसी का आरक्षण दे दिया, जिस पर किसी ने याचिका लगाई और कोर्ट ने इसका संज्ञान लेकर 2010 से 2024 तक जितने प्रमाणपत्र ममता बनर्जी सरकार ने जारी किए थे, उसके स्थगन का आदेश दिया है.
ओबीसी आरक्षण पर आया कलकत्ता हाई कोर्ट का यह फैसले स्वागत योग्य
आदित्य साहू गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने पिछड़े वर्ग के आरक्षण पर डाका डालकर उनका हक मुसलमानों को दिया है. ओबीसी आरक्षण पर आया हाई कोर्ट का यह फैसला स्वागत योग्य है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हाई कोर्ट के फैसले पर अमल हो और पिछड़े वर्ग को उनका अधिकार मिले. यह न हो कि तुष्टीकरण और वोट बैंक की नीति के कारण उसका लाभ उन्हें मिले जो पिछड़े नहीं हैं.
कांग्रेस तेलंगाना और कर्नाटक में ओबीसी के आरक्षण पर डाका डालने का कर रही काम
आदित्य साहू ने कहा कि ठीक इसी तरह कांग्रेस पार्टी भी तेलंगाना और कर्नाटक में ओबीसी के आरक्षण पर डाका ड़ालने का काम कर रही है. बंगाल में ममता बनर्जी भी एससी, एसटी के आरक्षण पर डाका डालकर उनका हक मुसलमानों को दे रही है. भाजपा इसका विरोध करती है, क्योंकि संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई अनुमति नहीं देता. रामकृष्ण मिशन की संपत्तियों में हुई तोड़फोड़ पर बोलते हुए श्री साहू ने कहा कि भारत सेवाश्रम संघ वह संस्था है, जिसके कारण आज पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा है. ममता बनर्जी को शायद नहीं मालूम कि भारत सेवाश्रम संघ के संस्थापक स्वामी प्रणवानन्द अगर ना होते तो पश्चिम बंगाल भारत का नहीं बांग्लादेश का हिस्सा होता. जबकि आज ममता बनर्जी भारत सेवाश्रम संघ, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन इस प्रकार की संस्थाओं को बदनाम कर रही हैं ताकि वो मुसलमान मतदाताओं को खुश कर कर सकें.
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