Ranchi: आदिवासी संगठनो ने एयरपोर्ट अथोरिटी और जिला प्रशासन को चेतावनी दिया है कि अगर 10 दिनों के भीतर एयरपोर्ट स्थित सरना स्थल को नहीं बनाया गया तो रांची बंद किया जाएगा. यह घोषणा बुधवार को विभिन्न आदिवासी संगठनो ने की. मोराबादी के चिल्ड्रेन पार्क में आयोजित एक प्रेस वार्ता में आदिवासी नेताओं ने कहा कि आदिवासियों ने एयरपोर्ट के विकास के लिए 1100 एकड़ जमीन दी है. आज आदिवासियों के धार्मिक स्थल के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है. इसे बर्दास्त नही किया जाएगा. एयरपोर्ट बनने के पहले से ही आदिवासी वहां पर पूजा पाठ करते आए हैं.
केद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि एयरपोर्ट आदिवासी मूलवासी के जमीन पर बना है. एयरपोर्ट के सामने आदिवासियों के धार्मिक स्थल चबूतरा को लूटने का प्रयास किया गया है. इसके लिए मुख्यमंत्री को घटना से अवगत कराया जाएगा. प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि झारखंड बनने के बाद आदिवासियों के धार्मिक जमीन पर लगातार हमला हो रहा है. राजनीति पार्टियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है. लेकिन अब आदिवासी संगठन चुप नही रहेगा. जहां-जहां धार्मिक जमीन होगा, वहां-वहां बोर्ड लगाकर चिन्हित किया जाएगा.
विस्थापित मोर्चा के अजित उरांव ने कहा कि बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के सामने आदिवासियों ने अपने सौजन्य से चबूतरा बनवाया था. आदिवासियों ने एयरपोर्ट के विकास के लिए अपनी जमीन दी. आदिवासियों के देवस्थल को हड़पने का प्रयास किया जा रहा है. इसका पुरजोर विरोध होगा. ग्रामीण प्रकाश टोप्पो ने कहा नगर विपणन के विकास के लिए 1100 एकड़ जमीन दिया है. धार्मिक स्थल का विकास के लिए प्रशासन को आवेदन दिया गया है. इसके बावजूद भी धार्मिक स्थल को ठेस पहुंचाया गया है. कुंदरसी मुंडा ने कहा कि 10 दिनो के अंदर तोड़ा गया धार्मिक सरना स्थल का विकास नही हुआ तो रांची बंद करेंगे और एयरपोर्ट को बंद कराने सड़क पर उतरेगें.
प्रेस कांफ्रेंस में एलएम उरांव, विजय कच्छप, सन्नी मुण्डा, जाॅज लिण्डा, अजीत उरांव, प्रकाश टोप्पो, नन्दियां लिण्डा बंसती, कच्छप सुनीता लकड़ा, पूनम कच्छप, पूनम कच्छप, अशोक लोहरा समेत अन्य़ शामिल थे.