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Chaibasa (Sukesh Kumar) : जिनके अंदर हुनर होते हैं वे कचरे या बेकार की चीजों को भी अमदनी का जरिया बना लेते हैं. ऐसे ही तांतनगर प्रखंड में सैकड़ों बुजुर्ग महिला बेकार की चीजों से न सिर्फ काम में आने वाला सामान बनाया, बल्कि उससे आय प्राप्त कर परिवार का भरण पोषण भी कर रहे हैं. जिला के विभिन्न क्षेत्रों में बंजर पड़ी भूमि या खेतों की मेड़ पर वृहद मात्रा में घास उगी हुई है, जो इन दिनों आसानी से नजर आयेंगे. इसी झाड़ीनुमा उगी घास को सैकड़ों महिलाओं ने आय का साधन बनाया है. दरअसल महिलाएं घास को काट कर सुखाती हैं. तीन चार दिन सुखाने के बाद उसे पानी में डूबो कर सामान्य करते हैं. उसके बाद उससे झाड़ू तैयार करती हैं. झाड़ू तैयार कर महिलाएं साप्ताहिक बाजार में बिक्री करती हैं. इससे महिलाओं की आमदनी होती है. उस आमदनी से महिलाएं न सिर्फ गृहिणी जरूरतों को पूरा करती हैं. महिलाएं बताती हैं कि झाड़ू बिक्री कर परिवार का गुजारा करते हैं. एक झाड़ू को 30 रुपये में बिक्री करती हैं. गांव देहात में इन झाड़ू का प्रयोग का प्रचलन अधिक है.
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