Ranchi: राज्य प्रशासनिक सेवा के दो अफसरों पर गाज गिर गई है. एक अफसर ने जमीन के नामांतरण में नियम के विरूद्ध काम किया. वहीं दूसरे अफसर ने एलईडी लाइट लगाने, कूड़ादान खरीदने और बस स्टैंड के जीर्णोद्धार में अनियमितता बरती. आरोप प्रमाणित होने के बाद राज्य सरकार ने इन दोनों अफसरों के वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी है. बलियापुर धनबाद के तत्कालीन सीओ राम प्रवेश कुमार ने गैर आबाद भूमि के जमाबंदी को बिना एसओपी के अनुपालन के रद्द कर दिया. साथ ही जमीन के नामांतरण में सरकारी हितों के प्रतिकूल कार्य किया. राम प्रवेश कुमार के खिलाफ राजस्व कायों के निष्पादन में गंभीर अनियमितता व स्वेच्छाचारिता बरतने का आरोप है. रामप्रवेश पर आरोप यह भी है कि एक तरफ पूर्व में अस्वीकृत जंगल झाड़ी भूमि को पुनः प्रतिवेदन प्राप्त कर स्वीकृत किया गया. वहीं दूसरी तरह किस्म भूमि को जंगल झाड़ी बताकर अस्वीकृत कर दिया गया. राज्य सरकार ने समीक्षा में पाया कि राम प्रवेश कुमार अपने बचाव में कोई नया तथ्य और साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए. इसके बाद राज्य सरकार ने उनके एक वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का निर्णय लिया. कार्मिक ने इसका आदेश जारी कर दिया.
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अंजना दास के खिलाफ दो वेतन वृद्धि पर रोक
नगर परिषद गढ़वा की तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अंजन दास के खिलाफ नगर परिषद क्षेत्र में एलइडी लाइट के अधिष्ठापन में अनियमितता बरतने के साथ कूड़ेदान आपूर्ति में अनियमितता बरतने और गढ़वा बस स्टैंड के जीर्णोद्धार में अनियमितता बरतने का आरोप है. इस मामले में नगर विकास एवं आवास विभाग को मंतव्य दिया गया कि अंजना दास द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के कई बिंदुओं पर असहमति है. समीक्षा में पाया कि नगरपालिका अंतर्गत कार्य योजना तैयार करने, कार्यों के संपादन में कोई अनियमितता न हो, इसके अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण का दायित्व कार्यपालक पदाधिकारी का ही है. इस आलोक में आरोपी पदाधिकारी के स्पष्टीकरण को स्वीकार योग्य नहीं माना जा सकता. इसके बाद राज्य सरकार ने अंजना दास के खिलाफ दो वेतन वृद्धि रोकने का आदेश दिया. कार्मिक ने इसका आदेश जारी कर दिया है.
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