Ranchi: नामकोम बगीचा और मनरेसा हाउस में शुक्रवार को फादर स्टेन स्वामी का तीसरा शहादत दिवस मनाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी गई तथा उनके जीवन के संघर्ष को याद किया. सामाजिक कार्यकर्ता सबस्टीन कुजूर ने स्टेन स्वामी की जीवनशैली पर प्रकाश डाला. ईमानदारी और काम के प्रति लगन को याद किया. सामाजिक कार्यकर्ता प्रणव मुखर्जी ने पाश की कविता ”सपनों का मर जाना” पर एकल नाटक प्रस्तुत किया. वकील शिव कुमार सिंह ने कहा कि स्टेन स्वामी से जुडे केस आज भी लंबित हैं. आदिवासी समुदाय के ऊपर झूठे केस के मामले में झारखण्ड में काम करने की जरूरत है.
सामाजिक कार्याकर्ता अलोका कुजूर ने कहा कि झारखंड के 23 साल हो गये. आईपीसी धारा में बदलाव हो गया. कानून के प्रति लोगों को जागरूक होना होगा. गोलबंद होने की जरूरत है. स्टेन स्वामी पर लगे केस यूएपीए जल्द हटाये, ताकि स्टेन स्वामी निर्दोष घोषित हो सके. मौके पर एलिना रोज, मधु संगीता बेग, विनोदकुमार, किरण नदिता, प्रफुल्ल लिण्डा, रतन तिर्की, सिराज दत्ता, अफजल, अनीस शामिल थे. मंच संचालन टोनी ने किया.
वहीं दूसरी ओर वर्किंग पीपुल्स एलायंस कार्यालय ( मनरेसा हाउस) में फादर स्टेन स्वामी की पुण्यतिथि मनाई गई. इस मौके पर टीएसी के पूर्व सदस्य रतन तिर्की ने कहा कि स्टेन स्वामी मरते दम तक आदिवासियों दलितों और पिछड़ों की संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्षरत रहे. झाड़खंड से स्टेन स्वामी का असमय चले जाना दुखद रहा. देश भर में स्टेन स्वामी को याद किया जा रहा है. हमेशा देश के संविधान को सर्वोपरि माना.ज़ुल्म शोषण और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष और आवाज उठाते रहे. मौके पर वर्किंग पीपुल्स एलायंस के संचालक अधिवक्ता महेंद्र पीटर तिग्गा, अधिवक्ता सिलवंती कुजूर, अधिवक्ता मोनालिसा सोरेंग और निर्मला शामिल थे.
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