Saurav Singh
Ranchi : तीन एके-47 के साथ के नया अपराधी लॉन्च हुआ है. इस आपराधिक गिरोह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि झारखंड संघर्ष जनमुक्ति मोर्चा का सुप्रीमो अब राहुल सिंह गैंग के नाम से जाना जायेगा. कोल ट्रांसपोर्टर, डीओ होल्डर, कोल माइनिंग और रैक लोडिंग का काम कर रहे लोगों को सूचित करना था कि विकास तिवारी, अमन साहू और अमन श्रीवास्तव गिरोह को पैसा देना बंद करो. अब जो कोई भी काम मेरे क्षेत्र में करेगा, तो उसको मेरे से मैनेज करके ही चलना पड़ेगा. वरना खोपड़ी खोल दिया जायेगा.
झारखंड में इन कुख्यात गिरोह का आतंक
राज्य में इन दिनों सर्वाधिक आतंक गिरिडीह जेल में बंद अमन साहू और उसके गिरोह के साथियों का है, जो कानून व्यवस्था के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. इसी तरह पांडेय गिरोह, प्रिंस खान गिरोह, अमन श्रीवास्तव गिरोह, सुजीत सिन्हा गिरोह भी राज्य में सक्रिय हैं. हालांकि देखा जाये तो इन गिरोह के अधिकतर सरगना गिरफ्तार होने के बाद विभिन्न जेलों में हैं, लेकिन इनके गुर्गे आतंक मचाए हुए हैं.
आपराधिक गिरोह ने कारोबारियों का जीना मुश्किल कर दिया है
झारखंड पुलिस को पिछले कुछ सालों में नक्सलियों खिलाफ कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है, लेकिन अपराधी के खिलाफ उसे कोई खास सफलता नहीं मिल पायी है. राज्य में ऐसे दर्जनभर गिरोह हैं, जो आम जनता और कारोबारियों का जीना मुश्किल कर दिया है. ये गिरोह रंगदारी और लेवी के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. इसका विपरीत असर पड़ रहा है.
इंटरनेट से आये कॉल को ट्रेस करने में पुलिस नाकाम
झारखंड के अलग-अलग जिलों में अपराधी इंटरनेट कॉल के जरिये कारोबारी को फोन कर रंगदारी और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. इंटरनेट के जरिए किये जाने वाले कॉल में वर्चुअल नंबर का यूज किया जाता है. इसे आसानी से ट्रेस नहीं किया जा सकता है. इसके लिए ना तो मोबाइल की भी जरुरत होती है और न ही सिम कार्ड की. सिमकार्ड का इस्तेमाल न होने से पुलिस टावर लोकेशन सहित अन्य जानकारी ट्रेस करने में नाकाम रह जाती है. राजधानी रांची में कई लोगों को धमकियां मिली है. जिसे पुलिस ट्रेस करने में नाकाम रही है.
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