Shubham Kishor
Ranchi : राजधानी का एक ऐसा इलाका जो 60 के दशक से ही वेल प्लान सिटी को दर्शाता है. एचईसी, जहां हाउसिंग सोसाइटी, सड़क, अंडरग्राउंड बिजली, पानी, खेलने के लिए मैदान, साथ ही रांची में सबसे पहला ड्रेनेज-सीवरेज सिस्टम एचईसी ने ही बनाया था. सभी बुनियादी सुविधा प्लान तरीके से की गयी थी. वर्तमान में एचईसी परिसर में प्रगति के नए आयाम जोड़े जा रहे हैं. विधानसभा और लाइट हाउस प्रोजेक्ट भी एचईसी परिसर में हैं. वहीं स्मार्ट सिटी से लेकर, मंत्री आवास तक यहां तक कि विधायक आवास और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का भी काम एचईसी परिसर में चल रहा है. लेकिन बीते कुछ सालों में प्रगति के नए आयाम जोड़ने वाले एचईसी परिसर में ड्रेनेज की समुचित व्यवस्था ही नहीं है.
डीपीआर तैयार, पर नहीं बन सका ड्रेनेज-सीवरेज सिस्टम?
हटिया विधायक नवीन जयसवाल ने 28 फरवरी को बजट सत्र में एचइसी परिसर में ड्रेनेज-सीवरेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं होने को लेकर सवाल पूछा था. जिसे लेकर नगर विकास विभाग ने ड्रेनेज-सीवरेज सिस्टम को लेकर डीपीआर तैयार होने की बात कही थी. जवाब में कहा गया कि एचईसी परिसर के सेक्टर-1 बी टाईप, इसके आसपास के इलाकों और अन्य क्षेत्रों के लिए रांची नगर निगम अंतर्गत रांची सिवरेज व ड्रेनेज परियोजना बनाने को लेकर एशियन डेवलपमेंट बैंक से प्रस्तावित है. इस योजना का डीपीआर झारखंड अर्बन वाटर सप्लाई इम्प्रुभमेंट के तहत जूडको द्वारा तैयार किया जा रहा है. लगभग पांच महीने का समय पूरा होने को है, लेकिन सिवरेज बनाने को लेकर अब तक आगे की कार्रवाई नहीं हुई है. इस दौरान परिसर में सड़क बनाये गये हैं और पानी का पाइप बिछाया गया है. लेकिन नाली और सिवरेज का काम नहीं किया गया. जिसके कारण हल्की बारिश के बाद पानी सड़कों पर नजर आता है. अधिक बारिश होने से सड़कों का पानी घरों में भी चला जाता है.
एचईसी के पास है इतनी ज़मीन
- एचईसी स्थापना के लिए 7199.51 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था.
- 1669 एकड़ जमीन पर एफएफपी, एचएमटीपी और एचएमबीपी प्लांट बना.
- 430 एकड़ पर आवासीय कॉलोनियों का निर्माण
* सीआईएसएफ को 158 एकड़ जमीन दी गई. - शैक्षणिक और अन्य संस्थानों को 313 एकड़ जमीन का आवंटन
- 2017 में स्मार्ट सिटी के लिए 675 एकड़ दिया गया.
- 2005-06 में 2341 एकड़ जमीन राज्य सरकार को हस्तांतरित किया गया
- 400 एकड़ पर अवैध कब्जा
- आरडीसीआईएस की सेटेलाइट कॉलोनी के लिए 65 एकड़, निफ्ट को 57.47 एकड़, स्कूल और कॉलेज को 86.18 एकड़, जेएससीए को 31.70 एकड़, पेट्रोल पंप को 1.8 एकड़ व दूरसंचार विभाग को 1.6 एकड़ जमीन लीज पर दिया जा चुका है.
- लगभग 1000 एकड़ खाली भूखंड
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