Hazaribagh: दास वही जो सहज में मुक्ति को पाता, ओम जय गंगे माता… शहर में पहली बार ओकनी तालाब तट पर जब शिवनगरी वाराणसी से पधारे विद्वान यज्ञाचार्य अभिषेक शास्त्री ने कथावाचक चतरा के मयूरहंड निवासी पंडित दिलीप उपाध्याय और प्रवचनकर्ता धनंजय शास्त्री संग जब गंगा आरती में सुर मिलाए, तो अद्भुत दृश्य बन गया. हाथों में आरती के लिए सजे दीपों की थाल जैसे हर संताप मिटा रही थी. यह मौका था ओकनी बड़ा शिव मंदिर प्रांगण में श्री श्री शतचंडी महायज्ञ का. ओकनी तालाब तट पर शुक्रवार की देर शाम उमड़ा आस्था का जनसैलाब अध्यात्म के उस स्वर में खोए ताली बजाते हुए झूम रहा था.
गंगा मइया के लग रहे थे जयकारे
हजारों श्रद्धालु भक्तिभाव में अपना सुध-बुध खोए हुए थे. उस पर रंगीन आतिशबाजी ने काली अंधियारी रात को धरा से गगन तक रोशन कर रखा था. पूरे मुहल्ले की साज-सज्जा रोशनी से नहाई अद्भुत समां बांध रही थी. एक साथ हजारों स्वर में शिव और शक्ति के नाम के साथ गंगा मइया के जयकारे लग रहे थे. लोग गंगा मइया की इस महाआरती में पूरी तन्यमता के साथ रमे हुए थे. क्या बच्चे, क्या युवा, महिलाएं और वृद्ध सभी श्रद्धा, स्नेह, आस्था से भावविहोर थे. करीब दो घंटे तक चली महाआरती में हर श्रद्धालु पुण्य का भागीदार बनने की अभिलाषा में डूबे हुए थे. हर कोई गंगा आरती का आशीर्वाद लेकर खुद को धन्य समझ रहा था. व
नारद मोह पर हुआ प्रवचन
श्री श्री शतचंडी महायज्ञ के क्रम में शनिवार को नारद मोह पर प्रवचन हुआ. महाभोग में खिचड़ी का वितरण श्रद्धालुओं के बीच किया गया. सुबह-सवेरे श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की. सभी भक्तिभाव में डूबे रहे. इससे पहले पूरे विधि-विधान से भगवान को अन्नाधिवास कराया गया. महायज्ञ के शुभ अवसर पर रविवार को देवी-देवताओं को नगर भ्रमण कराया जाएगा. फलाधिवास, नव बालकों का अन्नप्रासन और विविध संस्कार आयोजित कराए जाएंगे. सोमवार को यज्ञ मंडप के समीप मुंडन संस्कार का कार्यक्रम होगा. इस धार्मिक अनुष्ठान में समस्त ओकनीवासियों के साथ-साथ शहर के कई लोगों का भरपूर सहयोग कर रहे हैं.
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