थेरेपी में खर्च होते हैं करीब पौने चार करोड़
Ranchi : लंग्स कैसर (स्टेज 4) से पीड़ित मरीज रवि प्रकाश को एक अनमोल रिश्ता मिला है. मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में मेडिकल आंकोलॉजी के प्रोफेसर व एचओडी डॉ कुमार प्रभाष और प्रोफेसर डॉ विजय पाटिल ने उनका मुफ्त में इलाज (थेरेपी) करने की पहल की है. आम तौर पर थेरेपी कराने पर साढ़े चार लाख अमेरिकी डॉलर यानी करीब पौने चार करोड़ का खर्च आता है. लेकिनडॉ विजय पाटिल की मदद से उनके इलाज में कुछ भी खर्च नहीं होगा. यह बातें खुद मरीज ने बतायी. उन्होंने बताया कि कैंसर ने सिर्फ उन्हें बीमार नहीं किया, बल्कि एक अनमोल रिश्ता भी दिया. उन्होंने बताया कि कैंसर लंग्स से फैलते हुए अब दिमाग में आ गया है. इसके लिए उनको रेडिएशन भी लेना पड़ा. लंग्स कैंसर पहले नॉन स्मॉल था, जो अब स्मॉल सेल में बदल गया है. इस बदलाव ने इलाज के विकल्प सीमित कर दिये थे, स्थिति यह हो गयी थी कि मौत का इंतजार कीजिये.
रवि प्रकाश ने बताया इसी बीच एक ऐसा चमात्कार हुआ कि मुझमें जीने की उम्मीद जग गयी. जब इलाज के सभी विकल्प खत्म हो गये तो डॉ कुमार प्रभाष और डॉ विजय पाटिल फरिश्ते की तरह उनके सामने आये और CAR T Cell Therapy का विकल्प मेरे सामने रखा. इसका ग्लोबल खर्च साढ़े चार लाख अमेरिकी डॉलर, इंडियन करेंसी में करीब पौने चार करोड़ है. यह रकम मेरे लिए इतनी बड़ी है कि शायद मैं मौत को चुनता, लेकिन डॉ विजय पाटिल ने मुफ्त में यह थेरेपी करने की पहल की. उन्होंने बताया कि यह एक तरह का ट्रांसप्लांट है, जो ठाणे (मुंबई) के टाइटन मेडिसिटी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में होगा. रवि ने बताया कि वो 22 जुलाई को थेरेपी के लिए मुंबई जायेंगे. इस थेरेपी से भारत में पहला ट्रांसप्लांट डॉ विजय पाटिल ने ही किया था. अब वो देश के दूसरे ऐसे मरीज होंगे, जिसका इलाज इस थेरेपी से होगा. कहते हैं न कि न जाने किस रूप में तुमको नारायण मिल जायेंगे…डॉ विजय पाटिल और डॉ कुमार प्रभाष भी मुझे भगवान के रूप में मिल चुके हैं. कहा कि ईश्वर दोनों को हमेशा स्वस्थ रखें और सफलता उनके कदम चूमे. भगवान उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करें. मेरा परिवार सर्वदा दोनों डॉक्टरों का आभारी रहेगा.
#LivingWithLungCancerStage4
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