-हिमंता को आदिवासियों से प्रेम है तो पहले असम के लाखों टी-ट्राइब को एसटी का दर्जा दिलाएं
-भाजपा शासित राज्यों में सबसे अधिक मदरसे, मगर दिक्कत केवल झारखंड के मदरसों से
-शुभेंद्र अधिकारी के बयान से स्पष्ट हो गया है, हिमंता यहां पर भाई-भाई में जहर घाेलने आए हैं
Ranchi: झामुमो ने हिमंता बिस्वा सरमा के बयानों पर कड़ा पलटवार किया है. पार्टी ने कहा कि हिमंता और भाजपा को आदिवासियों से प्रेम नहीं है. अगर प्रेम होता तो प्रधानमंत्री बैठे होते और एक आदिवासी राष्ट्रपति खड़ी नहीं रहती. भाजपा को अगर आदिवासी, दलितों से प्रेम होता तो संसद भवन के शिलान्यास के समय एक दलित राष्ट्रपति और संसद भवन के उदघाटन के समय एक आदिवासी राष्ट्रपति को कार्यक्रम से दूर नहीं रखा जाता. अगर हिमंता को इतना ही आदिवासियों से प्रेम है तो सबसे असम में लंबे समय से शासन में रही भाजपा और असम में वर्षों से निवास करने वाले झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और बंगाल के आदिवासियों को एसटी का दर्जा दे. आज भी ये आदिवासी वहां पर टी-ट्राइब के रूप में जाने जाते हैं. जबकि वे संथाली, मुंडारी, हो, सादरी और स्थानीय भाषा बोलते हैं, वर्षों से वहां निवास कर रहे हैं. इसलिए हिमंता जी को आदिवासियों से प्रेम नहीं है, केवल उन्हें हेमंत से चिढ़ है. उक्त बातें पार्टी के केंद्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही.
शुभेंदु के बयान ने साबित कर दिया भाजपा की मंशा
भट्टाचार्य ने कहा कि बंगाल के भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने अपने पीएम के स्लोगन को बदल दिया. जो पीएम कहते हैं सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास. उनके नेता अब खुलेआम कह रहे हैं कि अब भाजपा को सबका साथ और सबके विकास की जरूरत नहीं है. वे इतना तक कह गए कि जो हमारे साथ है, हम उनके साथ हैं. यहां भी बात खत्म नहीं हुई, वे कहे कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की अब संगठन को जरूरत नहीं है. इससे साबित हो रहा है कि भाजपा किस दिशा में बढ़ चली है. इसलिए अगर हिमंता मदरसों को लेकर कुूछ बोलते हैं तो कोई अचरज वाली बात नहीं है. लोकसभा चुनाव में एक राजस्थान को छोड़कर कहीं भी भाजपा एक को भी टिकट नहीं दिया. न ही यहां के विधानसभा चुनाव में देगी. इसलिए जो लोग मुस्लिम भाजपा में हैं अपना भविष्य देख लें.
झारखंड में केवल 186 मदरसा है
भट्टाचार्य ने मदरसों का आंकड़ा प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि यूपी में सात साल से और इसके पहले ही भाजपा की सरकार लंबे समय तक रही. वहां पर मान्यता प्राप्त 16,513 और गैर मान्यता प्राप्त 8,449 मदरसे हैं. भाजपा जहां पर लंबे समय से भाजपा की सरकार है. वहां पर 2,650 राज्य सरकार के ग्रांट पर और 1600 केंद्र सरकार के ग्रांट पर, गुजरात में 1130 मदरसे हैं. जहां पर 30 साल से भाजपा की सरकार है. बिहार में 88 राज्य सरकार के और 2059 बिहार बोर्ड से संचालित मदरसे हैं. जबकि झारखंड में केवल 186 मदरसा है. मगर इनको केवल यहां के मदरसों से दिक्कत है. क्या हिमंता जी को कोई रिपोर्ट आयी है कि झारखंड के मदरसों में कोई राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चल चल रही हैं. झारखंड न केवल मदरसे बल्कि संस्कृत कॉलेज और स्कूल भी चल रहे हैं. मगर इन्हें दिक्कत केवल मदरसों से है.
सबसे अधिक घुसपैठ त्रिपुरा में जहां भाजपा की सरकार है
भट्टाचार्य ने कहा कि हिमंता जी और बाबूलाल जी घुसपैठ, घुसपैठ चिल्ला रहे हैं. जबकि अभी देश और राज्य में 2011 की जनगणना रिपोर्ट है. अगली जनगणना 2025 में होगी जिसकी फाइनल रिपोर्ट 2027 में जारी होगी तो फिर भाजपा को कैसे संथाल के आकंड़े मिल गए. हिमंता और बाबूलाल जरा पाकुड़, बोरियो, लिट्टीपाड़ा, बरहेट आदि जगह जाएं और बोलें. पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में किसकी सरकार है. वहां पर बीएसएफ किसके अधीन है, वहां पर घुसपैठ की स्थिति पर हिमंता जी क्यों नहीं बोलते हैं.
हेमंत सोरेन का नाम सुनते ही बाबूलाल जी पेड़ पर चढ़ जाते हैं
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हेमंत सोरेन का नाम सुनते ही बाबूलाल जी पेड़ पर चढ़ जाते हैं. इसके बाद धड़ाधड़ ट्वीट करने लगते हैं. मगर बाबूलाल जी याद रख लें आपका भाजपा न सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करेगी और न ही सीएम बनाएगी. रही बात अर्जुन मुंडा की तो वे राजनीतिक रूप से बेरोजगार हो चुके हैं तो फिर यहां का सीएम का प्रभार क्या पीएम मोदी लेंगे.
इसे भी पढ़ें –बांग्लादेशी घुसपैठ पर जूनियर अफसरों का शपथ पत्र दरकिनार, संथाल के उपायुक्तों से HC ने फिर मांगा जवाब
Leave a Reply