NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं ने शासन के मुद्दों पर लगातार दूसरे दिन रविवार को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किया. इस दौरान मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में जारी विभिन्न विकास योजनाओं पर प्रस्तुतियां दीं. केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री परिषद’ की दो दिवसीय बैठक शनिवार को शुरू हुई थी.
Met @BJP4India Chief Ministers and Deputy Chief Ministers. Our Party is working tirelessly to further good governance and fulfil the aspirations of the people. pic.twitter.com/8vy6vzZSFe
— Narendra Modi (@narendramodi) July 27, 2024
भाजपा शासित राज्यों की सरकारों के प्रयासों का उल्लेख
मोदी ने अपनी टिप्पणी में, भाजपा शासित राज्यों में जारी कल्याणकारी योजनाओं की कवरेज सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इसे सुशासन के उदाहरण के तौर पर देखा जाना चाहिए. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों, खासकर गरीबों की मदद के लिए भाजपा शासित राज्यों की सरकारों के प्रयासों का उल्लेख किया. उन्होंने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, हमारी पार्टी सुशासन को आगे बढ़ाने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रही है. भाजपा द्वारा नियमित अंतराल पर आयोजित मुख्यमंत्री परिषद का उद्देश्य राज्यों में प्रमुख योजनाओं की समीक्षा करना, शासन के सर्वोत्तम तौर-तरीकों और केंद्र सरकार की कल्याणकारी पहल को लागू करना है.
लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली बैठक है
बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, राजस्थान के भजनलाल शर्मा और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी शामिल हुए. मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, मणिपुर और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने भी विचार-विमर्श में हिस्सा लिया. यह बैठक, 23 जुलाई को संसद में केंद्रीय बजट पेश किये जाने के बाद हो रही है. विपक्ष ने बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष तवज्जो दिये जाने और अन्य राज्यों की अनदेखी करने के लिए केंद्र की आलोचना की है. लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली बैठक है. हालिया आम चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और पार्टी संसद के निचले सदन में अपने बूते बहुमत का आंकड़ा हासिल नहीं कर सकी. हालांकि, पार्टी नेताओं ने कहा कि बैठक में शासन के मुद्दे चर्चा के केंद्र में हैं. इस तरह की पिछली बैठक फरवरी में हुई थी.
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