NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने पटना उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके तहत बिहार में आरक्षित वर्गों के लिए आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने संबंधी कानून को रद्द कर दिया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ राज्य की याचिकाओं पर सितंबर में सुनवाई के लिए राजी हो गया. मामला यह है कि बिहार सरकार ने एससी/एसटी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने का निर्णय लिया था.
SC refuses to stay Patna HC order that set aside Bihar law raising quotas for reserved classes from from 50 to 65 per cent
— Press Trust of India (@PTI_News) July 29, 2024
पटना हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार देते हुए रोक लगा दी थी
इस फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दिये जाने पर हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए रोक लगा दी थी. इसके बाद बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सरकार की याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट का यह निष्कर्ष कि जाति सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर पिछड़े वर्गों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है, ये राज्य के विवेक का हनन है. आज सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक हटाने से इनकार कर दिया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया. SC सितंबर में इस विषय पर विस्तृत सुनवाई करेगा
9 नवंबर 2023 को कानून पास किया गया
जान लें कि बिहार सरकार ने 9 नवंबर 2023 को कानून पास कर कहा था कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण 65फीसदी होगा. यह निर्णय पिछले साल हुई जातीय जनगणना के बाद लिया गया था. आरक्षण सीमा बढ़ाये जाने की सीमा से OBC, अति पिछड़ा वर्ग, दलित और आदिवासियों को आरक्षण का लाभ मिलना था.
Leave a Reply