- मजदूर नेता रामा पांडेय के नेतृत्व में बाईहातु में बनेगी आंदोलन की रणनीति
- जोजोगुटु में हुई बैठक में मुआवजा, शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी नहीं देने का लगाया आरोप
Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा के छोटानागरा पंचायत के पांच गांव जोजोगुटु, राजाबेड़ा, बाईहातु, तितलीघाट एवं जामकुंडिया के ग्रामीणों ने 4 अगस्त को जोजोगुटु गांव में मान सिंह चाम्पिया की अध्यक्षता में बैठक की. बैठक सेल की गुवा, किरीबुरु एवं मेघाहातुबुरु खदान से होने वाली परेशानी पर चर्चा की गई. इसमें खदान से आने वाली लाल पानी, मिट्टी, मुरुम की वजह से गांवों की सैकड़ों एकड़ कृषि रैयत भूमि बंजर व बर्बाद हो रही है. बैठक में बंजर भूमि के एवज में अब तक ग्रामीणों को कोई मुआवजा नहीं देने, सेल की खदानों में स्थायी नौकरी नहीं देने आदि की मांग की गई है. ग्रामीणों की अगली बैठक 7 अगस्त को बाईहातु मैदान में होगी. इसमें मजदूर नेता रामा पांडेय भी शामिल होंगे. बैठक में बड़ा आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी.
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पांच गांव के लोग ज्यादा प्रभावित हैं खदानों से
राजाबेड़ा मुंडा जामदेव चाम्पिया, बाईहातु मुंडा चिंतामणि चाम्पिया, मानसिंह चाम्पिया, राजेश सांडिल आदि ने बताया कि उक्त खदानों से सबसे ज्यादा प्रभावित पांच गांव हैं. लेकिन सेल की तीनों खदान प्रबंधन जब भी नौकरी व रोजगार देने की बात आती है तो इन गांव के शिक्षित बेरोजगारों की उपेक्षा करती है. कुछ वर्ष पूर्व सारंडा वन प्रमंडल व पुलिस-प्रशासन ने कृषि भूमि को बंजर किये जाने संबंधी शिकायतों के बाद जांच की थी. जांच में टीम ने मामले को सही पाया था. उसके बावजूद पुलिस-प्रशासन व वन विभाग सेल प्रबंधन से आज तक मुआवजा नहीं दिला पाया. इस समस्या से गांवों के ग्रामीण विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होकर मर रहे हैं. बैठक में बमिया सुरीन, बोमर चाम्पिया, सेर्गेया सुरीन, चन्दर अंगारिया, मंगल बालमुचू, मोसो देवगम, काटे देवगम, पाण्डु चाम्पिया, बामिया, मंगल हुरद, सोमरा देवगम, बिरसिंह देवगम, धनसिंह चाम्पिया, बामो सुरीन आदि उपस्थित थे.
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