वक्फ़ बोर्डों के पास लगभग 8.7 लाख संपत्तियां हैं. वक्फ बोर्ड की संपत्ति में लगभग 9.4 लाख एकड़ जमीन शामिल है. 2013 में UPA सरकार ने वक्फ बोर्डों को और अधिक ताकतवर बना दिया था.
NewDelhi : NewDelhi : खबरों के अनुसार मोदी सरकार वक्फ़ एक्ट संशोधन बिल 5 अगस्त को संसद में पेश करनेवाली है. सूत्रों का कहना है कि मोदी कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में लगभग 40 संशोधनों पर मुहर लगा दी है. बताया जाता है कि केंद्र सरकार वक्फ़ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति बनाने की शक्तियों पर रोक लगाना चाहती है. एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन औवेसी सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं,
VIDEO | “BJP has been against the Waqf Board and Waqf properties since the beginning and there is a ‘Hindutva agenda’ of RSS. They have continued to put efforts to end the Waqf Board and properties from the start,” says AIMIM chief and MP Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) on talks… pic.twitter.com/9T3PXymean
— Press Trust of India (@PTI_News) August 4, 2024
VIDEO | “Demand for improvement in Waqf board is not new, it has been going on for the past 30-40 years. Those who are raising this demand and affected by it are Muslims themselves. There is a need for betterment in the Waqf board and I hope Samajwadi Party, Congress and TMC will… pic.twitter.com/kyW8GMwtlL
— Press Trust of India (@PTI_News) August 4, 2024
कैबिनेट की बैठक में वक्फ अधिनियम में 40 संशोधनों पर चर्चा हुई
बता दें कि शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में वक्फ अधिनियम में 40 संशोधनों पर चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार बैठक में इस बात पर भी मंथन किया गया कि 40 संशोधन करने के बजाय क्यों न नया बिल लाया जाये. बिल में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार वक्फ बोर्ड जिस संपत्ति पर दावा करेगा उसका वेरिफिकेशन किया जायेगा.
इस बिल के अनुसार सरकार वक्फ बोर्डों के उस अधिकार पर लगाम लगाना चाहती है जिसके तहत वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर देते हैं.
बता दें कि वक्फ बोर्ड द्वारा किसी भी संपत्ति को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित करने के बाद बोर्ड से उस संपत्ति को वापस लेने के लिए जमीन के मालिक को कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं, कानून में संशोधन होने के बाद वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति पर यूं ही दावा नहीं ठोक पायेगा.
बोर्डों द्वारा संपत्तियों पर किये गये दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन होगा
वक्फ़ बोर्डों द्वारा संपत्तियों पर किये गये दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन होगा. संशोधनों में वक्फ़ बोर्ड की विवादित संपत्तियों के लिए भी अनिवार्य सत्यापन का प्रस्ताव शामिल किया है. जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार के लिए 5 अगस्त विशेष महत्व रखता है. क्योंकि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का बिल संसद पेश हुआ था. 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था.
कोई भी वयस्क मुस्लिम व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी वक्फ के नाम कर सकता है
सरकारी सूत्रों के अनुसार वक्फ़ बोर्डों के पास लगभग 8.7 लाख संपत्तियां हैं. वक्फ़ बोर्ड की संपत्ति लगभग 9.4 लाख एकड़ है. याद करें कि 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने बेसिक वक्फ़ एक्ट में संशोधन लाकर वक्फ बोर्डों को और अधिकार ताकतवर बना दिया था. कोई भी वयस्क मुस्लिम व्यक्ति अपने नाम की प्रॉपर्टी वक्फ के नाम कर सकता है. वैसे वक्फ एक स्वैच्छिक कार्रवाई है, जिसके लिए कोई जबर्दस्ती नहीं. 1954 में नेहरू सरकार के समय वक्फ अधिनियम पारित किया गया था.
मौलाना सुफियान निजामी ने कहा, मोदी सरकार फैसले पर गौर करे
यूपी वक्फ तरक्की बोर्ड अध्यक्ष मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि यह क्यों किया जा रहा है और इसके पीछे क्या मंशा है यह सरकार बता पायेगी. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद वक्फ एक्ट बना और वक्फ बोर्ड मौजूद है. कहा कि अब इसके लिए नया कानून लाना और बिल में ही संशोधन करना मुनासिब नहीं है.
वक्फ बोर्ड ने हिंदुओ की जमीन, मठ और मंदिरों पर कब्जा कर रखा है
अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया है. कहा कि कांग्रेस की नेहरू सरकार ने एक काला कानून बनाया था. इसका नाम था वक्फ बोर्ड और वक्फ एक्ट. वक्फ बोर्ड ने सबसे ज्यादा जमीन कब्जा करने का रिकार्ड बनाया है. आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड ने हिंदुओ की जमीन, मठ और मंदिरों पर कब्जा कर रखा है.
वक्फ बोर्ड देश का सबसे बड़ा भूमाफिया है. बोर्ड ने ताज महल पर भी अपना दावा ठोक रखा है. कहा कि खासकर हिंदुओ की जमीन को लूटने के खिलाफ केंद्र सरकार कानून लाने जा रही है. इसका स्वागत किया जाना चाहिए.
बीजेपी वक्फ बोर्ड और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ : औवेसी
एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि बीजेपी शुरू से ही वक्फ बोर्ड और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ रही है. यह आरएसएस का हिंदुत्व एजेंडा है. उन्होंने शुरू से ही वक्फ बोर्ड और संपत्तियों को खत्म करने के प्रयास जारी रखे हैं. कहा कि वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार संसद में विधेयक पेश करने की योजना बना रही है.
वक्फ बोर्ड में सुधार की मांग नयी नहीं है : भाजपा
बीजेपी नेता अजय आलोक ने कहा कि वक्फ बोर्ड में सुधार की मांग नयी नहीं है, यह पिछले 30-40 सालों से चली आ रही है. जो लोग यह मांग उठा रहे हैं और इससे प्रभावित हैं वे स्वयं मुसलमान हैं. वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत है और मुझे उम्मीद है कि समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और टीएमसी इसका (बिल) समर्थन करेंगे, जब भी इसे पेश किया जायेगा.
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