Thiruvananthapuram/NewDelhi : कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर सोमवार को केंद्र मोदी सरकार पर हल्ला बोला. कहा कि यदि इस पूरे मामले पर जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) से जांच की मांग स्वीकार नहीं की गई तो वह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोपों को बहुत गंभीर बताया.
Here is the statement by Shri @Jairam_Ramesh, MP and General Secretary (Communications), AICC, dated August 12, 2024, in response to SEBI’s statement of August 11, 2024. pic.twitter.com/Tsb8qdiVHk
— Congress (@INCIndia) August 12, 2024
प्रधानमंत्री मोदी पर अदानी का समर्थन करने का आरोप लगाया
केसी वेणुगोपाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर इस मामले पर अदानी का समर्थन करने का आरोप लगाया. वेणुगोपाल ने यहां हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘इस मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी विश्वसनीयता को खत्म करने के समान है. उन्होंने केंद्र सरकार पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कर मामले से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
राहुल गांधी को ईडी के नोटिस से धमकाने की कोशिश
अलप्पुझा से सांसद ने कहा, राहुल गांधी को ईडी के नोटिस से धमकाने की कोशिश न करें. हम इस तरह की मुद्दे से ध्यान भटकाने वाली रणनीति का कड़ा विरोध करेंगे. वेणुगोपाल ने कहा कि ‘यह देश का सबसे गंभीर मुद्दा है और अगर जेपीसी जांच की मांग स्वीकार नहीं की गयी तो देश भर में विरोध प्रदर्शन किया जायेगा.
माधवी बुच इस्तीफा दें, सीबीआई या एसआईटी को जांच सौंपी जाये
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सेबी की प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर सोमवार को उनके इस्तीफे की मांग की. उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया कि वह इस मामले की जांच केंद्रीय अन्यवेषण ब्यूरो (सीबीआई) या विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपे.
संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए
जयराम रमेश ने अदानी मामले में सेबी के समझौता करने की आशंका जताई. यह मांग दोहराई कि एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए ताकि वह मोदानी महा घोटाले’ की पूरी जांच कर सके कहा कि यह मामला एक ‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और एक नॉन-बायोलॉजिकल कारोबारी से जुड़ा हुआ है.
सेबी ने अति सक्रियता दिखाने कोशिश की है
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अपनी पहली टिप्पणी में रविवार को कहा था कि उसने अदानी समूह के खिलाफ सभी आरोपों की विधिवत जांच की है. जयराम रमेश ने सोमवार को जारी अपने बयान में कहा कि सेबी ने अति सक्रियता दिखाने कोशिश की है और उसका कहना है कि उसने 100 सम्मन, 1,100 पत्र और ईमेल जारी किये हैं और 12,000 पृष्ठों वाले 300 दस्तावेजों की जांच की है. रमेश ने तंज कसा कि कि यह बहुत थका देने वाला रहा होगा. कहा कि यह मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने वाली बात है क्योंकि कार्रवाई महत्वपूर्ण है, गतिविधियां नहीं.
सेबी की शुचिता को बहाल करने के लिए सेबी अध्यक्ष इस्तीफा दे
कांग्रेस नेता ने कहा कि हालिया खुलासे अदानी महा घोटाले की जांच में सेबी की ईमानदारी और आचरण पर परेशान करने वाले सवाल उठाते हैं. उन्होंने कहा कि सेबी के समझौते की आशंका को देखते हुए उच्चतम न्यायालय को जांच को सीबीआई या एसआईटी को स्थानांतरित करना चाहिए. रमेश का कहना था कि कम से कम, सेबी की शुचिता को बहाल करने के लिए सेबी अध्यक्ष को इस्तीफा देना चाहिए.