Hazaribagh: परम पूज्य चर्या शिरोमणि आचार्य गुरुवर 108 श्री विशुद्ध सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री 108 सुयश सागर महाराज और छुल्लक 105 श्रेय सागर महाराज का चातुर्मास हो रहा है. बताते चलें कि जैनियों के 11वें तीर्थंकर श्री 1008 श्रेयांश नाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक तथा अकम्पनाचार्य आदि 700 मुनियों पर हुए उपसर्ग के निवारण वाले पावन दिन स्नेह, वात्सल्य पर्व रक्षाबंधन को श्री दिगंबर जैन पंचायत हजारीबाग ने महामहोत्सव के रूप में मनाया. सोमवार को प्रातः काल की बेला में सर्वप्रथम बाडम बाजार में कलश अभिषेक व शांतिधारा मुनि श्री के सानिध्य में हुआ. तत्पश्चात मुनि श्री के मंगल सानिध्य में श्री 1008 पार्श्वनाथ जिनालय बड़ा बाजार में महामस्तकाभिषेक शांतिधारा तथा निर्वाण लाडू चढ़ाया गया तत्पश्चात प्रवचन तथा आहार चर्या हुआ. आहार चर्या में 151 भाई बहन के जोड़ों तथा अन्य पडगाहन में शामिल लोगों ने मुनि श्री तथा क्षुल्लक महाराज का पडगाहन किया. यह दृश्य अत्यंत ही मनमोहक लग रहा था.
मुनि आहार की व्यवस्था दिगंबर जैन भवन बड़ा बाजार में की गई
जिस भाई बहन के जोड़े से महाराज श्री की विधि मिली उन्हीं को सर्वप्रथम पाद प्रक्षालन, पूजन तथा प्रथम आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. तत्पश्चात बाकी जोड़े व अन्य लोगों को क्रमशः दस-दस की पंक्ति में आहार देने दिया गया. मुनि आहार की सारी व्यवस्था दिगंबर जैन भवन बड़ा बाजार के ऊपरी ताले में की गई, जिससे व्यवस्था सुचारु रूप से चल सका. इस कार्य में समाज के कई कार्यकर्ताओं ने अपना योगदान दिया. पडगाहन व आहारचर्या का दृश्य अद्भुत ऐतिहासिक रहा, जिसको देखने के लिए काफी संख्या में जैन समाज के लोग उपस्थित थे. पडगाहन और मुनि आहार के दौरान व्यवस्था बनाई गई जिसके लिए दिगंबर जैन पंचायत के सभी सदस्यगण एवं वर्षा योग कमेटी के सभी लोगों का सराहनीय योगदान रहा. संध्या में महा सौभाग्यशाली जोड़े जिनके द्वारा पडगाहन में विधि मिली उनका णमोकार चालीसा के पश्चात वर्षा योग कमिटी द्वारा विशेष सम्मान किया जाएगा. उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी राजेश लुहाड़िया द्वारा दी गई.
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