Chaibasa (sukesh Kumar) : चिरिया खदान सेल में स्थानीय आदिवासी को 75% रोजगार की गारंटी देकर पलायन रोकने और काम करने वाले ठेका मजदूरों को पीएफ रसीद, वेज स्लीप, बोनस दिलाने को लेकर प्रदर्शन कर प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा गया. गुरुवार को प्रबंधन के साथ वार्ता में जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि सेल खदान सबसे ज्यादा ऊंचे ग्रेड का लौह अयस्क देता है. यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा खदान है. शुरू में मनोहरपुर क्षेत्र में हैंड माइनिंग से और लोडिंग का काम मजदूर से होने से पलायन नहीं होता था. अब खदान का काम मशीन से होने और बाहरी को रोजगार देने से यहां के आदिवासी पलायन कर रहे हैं.
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प्रबंधन लाखों रुपए लेकर बाहरी लोगों को बहाल कर रहा है. इसके अलावा जो भी मजदूर काम कर रहे हैं उन्हें वेज स्लीप, बोनस, पीएफ रसीद नहीं दिया जा रहा है. इसलिए हमारी मांगों पर गम्भीरता से विचार कर उसे पूरा किया जाए. प्रबंधन की ओर से कहा गया कि मांगों को वरीय पदाधिकारी को भेजा जायेगा. इसके अलावा प्रबंधन ने कहा कि पहले 6 खदान चालू था अभी मात्र एक चल रहा है जिस कारण से रोजगार नही दे पा रहे हैं. बहाली को लेकर कहा कि हमलोग पैसा लेकर किसी को भी बहाल नहीं करते हैं. सारा बहाली एग्जाम के माध्यम से होता है और पूरे भारत के लिए बहाली होता है.
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मजदूरों का जो पीएफ, वेज स्लीप बोनस का मामला है. उसको जांच करेंगे. प्रबंधन ने यह भी कहा कि 2026 के बाद खदान बंद होगा. उसके बाद तो रोजगार भी सबका खत्म हो जायेगा. जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार को बंद खदान को चालू कराकर पलायन रोकने का मांग पत्र सौंपा जायेगा. ज्ञापन देने में मानसिंह त्रिया जिला परिषद , प्रेम हेंब्रम, लक्ष्मी टूटी शामिल थे.
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